अंधविश्वास की रोकथाम के लिए बरही थाना में हुई बैठक 5 हैज 100 में-बैठक में प्रशिक्षु आईपीएस व अन्य बरही. हज़ारीबाग बरही थाना में डायन बिसाही जैसे सामाज में फैले अंधविश्वास की रोकथाम के लिये बुधवार को बरही थाना मे बैठक हुई. अध्यक्षता प्रशिक्षु आईपीएस श्रुति कुमारी ने की. बैठक में थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों से सामाजिक कार्यकर्ता महिला पुरुष शामिल हुए. प्रशिक्षु आईपीएस ने कहा कि डायन बिसाही जैसा कुछ नहीं होता. कोई भी महिला या पुरुष डायन बिसाही नहीं होता. यह शुद्ध रूप से अंधविश्वास है, जो काफ़ी समय से ग्रामीण समाज में फैला है. इस अंधविश्वास के चलते अकसर अमानवीय घटनाएं घटती रहती हैं. जो चिंताजनक है. ऐसी ही एक घटना कुछ समय पहले बरही के ही ज़रहिया गाँव में घटी थी जिसमें एक महिला को डायन बता कर उसके साथ अमानवीय अत्याचार किया गया था. उन्होने कहा कि जागरूकता के अभाव में लोग ऐसा आपराधिक घटना को अंजाम देते है. उन्होंने फैले अंधविश्वास को समाप्त करने के लिये अभियान लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. यदि कोई व्यक्ति किसी डायन बताता है व उत्पीड़ित करता तो उसे डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001 के तहत जेल भेजा जा सकता है. एसपी के नेतृत्व में 12 नवंबर को बरही में होगी जागरूकता रैली श्रुति कुमारी ने यह भी बताया कि हज़ारीबाग आरक्षी अधीक्षक अंजनी अंजन के नेतृत्व में हजारीबाग जिले में डायन बिसाही के खिलाफ़ सघन जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. इसके तहत 12 नवंबर को बरही में स्कूली बच्चों का विशाल जागरूकता रैली निकाली जायेगी. साथ ही मानव श्रृंखला बनायी जायेगी. इसमें सभी की भागीदारी आवश्यक है. उन्होंने नागरिकों, प्रबुद्ध व्यक्तियों, सामाजिक कार्य कर्तव्यों, जन प्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस जागरूकता कार्यक्रम में अवश्य शिरकत करें. डायन कुप्रथा को दूर करने में सभी का योगदान ज़रूरी. इसके बिना हम डायन बिसाही अंधविश्वास को समाज से खत्म नहीं कर सकते. जागरूकता रैली का रुट निर्धारित करने की जिम्मेवारी बरही पुलिस को दी गयी है. बैठक मे इंस्पेक्टर चंद्रशेखर कुमार, बरही थाना प्रभारी विनोद कुमार, बरही महिला थाना प्रभारी किरण कश्यप, पदमा ओपी प्रभारी संचित कुमार, सुमित साव सहित कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे.
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