हजारीबाग. हजरत दाता मदाराशाह के सालाना उर्स की शुरुआत कुलशरीफ से हुई. सुबह मजार परिसर में कुरानखानी और उलेमाओं की तकरीर ने जायरीनों को उर्स के महत्व और बुजुर्गों से मोहब्बत करने की सीख दी. इसके बाद मजार शरीफ पर चादरपोशी का सिलसिला शुरू हुआ. मजार प्रबंधन समिति की ओर से पहली चादर चढ़ाई गयी. इसके बाद नगर आयुक्त के नेतृत्व में नगर निगम की ओर से चादर चढ़ाई गयी. चादरपोशी का सिलसिला देर रात तक जारी रहा. इसमें शहर के अलग-अलग मुहल्ले गदोखर, लाखे, रोमी, पेलावल, खुटरा, पगमिल, खिरगांव, कुद, मसरातू समेत कई मुहल्लों की ओर से चादर चढ़ाई गयी. उर्स के अवसर पर पांच नवंबर से लगातार मजार परिसर में लंगर वितरण कार्यक्रम का सिलसिला शुरू है, जो सात नवंबर तक जारी रहेगा.
मेले में व्यापारियों ने लगाये हैं स्टॉल
उर्स को लेकर जायरीनों में उत्साह है. बड़ी संख्या में शहर व आसपास के इलाकों से पहुंचे महिला-पुरुष व बच्चों ने हजरत दाता मदाराशाह के मजार पर फातेहाख्वानी के बाद देश में अमन-शांति, खुशहाली व सदभावना की दुआ मांगी. उर्स के मौके पर मेले का भी आयोजन हुआ. इसमें देश के अलग-अलग शहरों से आये व्यापारियों ने स्टॉल लगाये हैं. इन स्टॉलों पर खाने-पीने से लेकर कपड़े, टोपी, जाय-ए-नमाज, तसबीह समेत खिलौने उपलब्ध हैं. स्टॉल पर खरीदारों की भीड़ रही.कव्वाली का हुआ शानदार मुकाबला
दाता मदाराशाह के सालाना उर्स पर पिछले कई वर्षों से कव्वाली मुकाबला का आयोजन होता रहा है. इस वर्ष देश के जाने माने कव्वाल सब्बीर चिस्ती एवं जुबैर अजमेरी ने अपने कलाम से जायरीनों को मंत्र मुग्ध किया. दोनों कव्वाल ने एक से बढ़कर एक कव्वाली पेश किये. लोगों को रात भर अपने कार्यक्रम से बांधे रखा. कव्वाली का यह सिलसिला सात नवंबर को भी जारी रहेगा. उसके बाद उर्स की समाप्ति की घोषणा की जायेगी. कार्यक्रम को सफल बनाने में मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष परवेज अहमद, सचिव मकसूद खान, गुलाम साबीर, गालिब खान, कमरूद्दीन, दानिश, टिंकू, शाहिद, दिलदार, बाबर, साबीर, टिंकू, अलाउद्दीन हव्वारी समेत सदस्यों ने अहम भूमिका निभायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

