हजारीबाग. जमीन घोटाला मामले के आरोपी सेवानिवृत्त सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी राजेंद्र सिंह एवं तत्कालीन अंचल निरीक्षक व कानूनगो संतोष वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका एसीबी की विशेष न्यायालय आशा देवी भट्ट की अदालत से रद्द होने से इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों में हड़कंप है. विशेषकर ऐसे आरोपी, जाे इस अंचल के मौजा बभनी और बभनबै की सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री कराने एवं दाखिल खारिज कराने में शामिल हैं.
गैर मजरूआ खास व जंगल की जमीन की हुई हेराफेरी :
सदर अंचल के मौजा बभनबै एवं बभनी स्थित 31.76 एकड़ गैर मजरूआ खास, जंगल और गोचर की जमीन की गैर कानूनी तरीके से खरीद-बिक्री कर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया था. इस मामले की जांच-पड़ताल की मांग स्थानीय लोगों ने सरकार एवं एसीबी से की थी. सरकार ने संज्ञान लेते हुए इसकी जांच की जिम्मेदारी रांची एसीबी को दी. जांच में एसीबी ने मौजा बभनी के खाता नंबर 39 प्लॉट नंबर 713 में 2.13 एकड़, इसी खाता प्लाॅट के 9.05 एकड़, मौजा बभनबै के खाता संख्या 95 प्लॉट 776-1055 में 2.50 एकड़, खाता संख्या 95-119 प्लॉट 776-1055 में रकबा 5.00 एकड़ एवं खाता नंबर 95-117 प्लाॅट नंबर 844-1062, 884-1063 में 12.80 एकड़ जमीन की हेराफेरी का मामला उजागर किया था. साथ ही मामले में कांड संख्या 11/25 दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी. इस मामले में एसीबी ने सदर अंचल के तत्कालीन सीओ, वर्तमान में उपनिदेशक पंचायती राज निदेशालय रांची एवं नेक्सजेन के मालिक को जेल भेजा है.तीन मुख्य आरोपी एसीबी की पकड़ से बाहर :
एसीबी कांड संख्या 11/25 के तीन मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है. इनमें सेवानिवृत्त बंदोबस्त पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद सिंह, तत्कालीन राजस्व कर्मचारी रामप्रकाश चौधरी एवं तत्कालीन राजस्व कर्मचारी संतोष वर्मा शामिल हैं. इसके अलावे 68 लोगों को भी एसीबी ने आरोपी बनाया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

