जारी. हमरे गांव में भी अब चाईर चक्का गाड़ी आवि. एतइ उमैइर गुजइर गइल. गांव में चाइर चक्का गाड़ी देखेक लागिन मन तरसत रहे बाबू. उक्त बातें डुमरपानी गांव की 65 वर्षीय बिहानी कोरवाइन ने कही. आजादी के 78 साल बाद जारी प्रखंड के डुमरपानी गांव में पक्की सड़क बनायी गयी है. डुमरपानी गांव पीवीटीजी बहुल गांव है. बड़काड़ीह गांव से डुमरपानी गांव तक की दूरी लगभग तीन है. लेकिन उक्त तीन किमी लंबी सड़क पर आवागमन करना गांव के लोगों के लिए दूभर था. अब उक्त तीन किमी लंबी सड़क को पीएम जनमन सड़क योजना के तहत लगभग 3.40 करोड़ रुपये की लागत से बनायी गयी है. गांव के लोग विकास की किरणों से कोसों दूर थे, जिसका मुख्य कारण सड़क नहीं होना था. गांव के लोगों ने गांव की समस्या को उपायुक्त गुमला के समक्ष रखा. उस समय तत्कालीन उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने गांव का दौरा किया. उपायुक्त ने गांव वालों की परेशानी को बहुत ही बारीकी के साथ समझा. इसके बाद गांव में विकास की किरणें धीरे-धीरे पड़ने लगी. उपायुक्त की पहल पर सबसे पहले गांव में सोलर लाइट व जलमीनार की व्यवस्था की गयी, फिर पक्की सड़क के लिए योजना तैयार करायी गयी. इसके बाद अब गांव में पक्की सड़क बन कर तैयार हो चुकी है. अब गांव तक चार चक्का वाहन आसानी से जा सकती है, जिससे गांव के लोगों में खुशी है. गांव के रंगू कोरवा, जगरनाथ कोरवा, संझिया कोरवा, गोला कोरवा, राजेंद्र कोरवा, बलिराम कोरवा, बुधना कोरवा, मनहरा कोरवा, सूरज कोरवा, अनिता कोरवाइन, फूलमती कोरवाइन आदि ने कहा कि सड़क बनने से हमारे गांव में कई तरह की सुविधाएं होंगी. आजादी के बाद पहली बार गांव में पक्की सड़क बनायी गयी है. पहले चार चक्का वाहन बड़काडीह गांव तक ही आता था. इसके बाद गांव तक पहुंचने के लिए तीन किमी पैदल चलना पड़ता था. गांव में यदि कोई बीमार पड़ जाये, तो मरीज को खटिया में ढोकर बरकाडीह गांव तक ले जाते थे. इसके बाद गाड़ी के सहारे अस्पताल ले जाते थे. लेकिन अब हमारे गांव में पक्की सड़क बन जाने से आवागमन की समस्या का समाधान हो गया है. ग्रामीणों ने कहा कि अब हमारा गांव भी विकास की ओर तेज गति के साथ बढ़ेगा. पक्की सड़क तो बन गयी है, अब प्रशासन हमारे गांव में लगातार आता रहेंगे.
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