गुमला. पूर्व राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख कर 14 अक्तूबर 2010 की अधिसूचना संख्या 235 के कार्यान्वयन से संबंधित अपनी चिंताएं जतायी हैं. उन्होंने कहा है कि वर्तमान प्रणाली में आरटीजीएस एनइएफटी लेन-देन मुख्य रूप से केवल खाता संख्या पर आधारित होते हैं. प्राप्तकर्ता के नाम मिलान प्रक्रिया में प्राथमिकता नहीं हो पाती, जिससे कभी-कभी खाता संख्या गलत होने या मेल खाने की स्थिति में त्रुटि या धोखाधड़ी की संभावना बनी रहती है. कहा कि वर्तमान समय में डिजिटल लेन-देन की गति और संख्या दोनों बढ़ी हैं. ऐसे में यह आवश्यक है कि आरटीजीएस एनइएफटी प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित और त्रुटिहीन हो. केवल खाता संख्या के आधार पर भुगतान करना जोखिम से भरा है. यदि प्राप्तकर्ता के नाम और खाता संख्या का मिलान सुनिश्चित किया जाये, तो धोखाधड़ी और गलत भुगतान जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है. पूर्व सांसद के पत्र के आलोक में वित्त मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार डॉ अभिजीत फुकन ने उत्तर देते हुए सूचित किया है कि यह मामला भारतीय रिजर्व बैंक के समक्ष उठाया गया है. मंत्रालय ने श्री पोद्दार के सुझावों को भुगतान प्रणाली को और अधिक सुरक्षित व कुशल बनाने की दिशा में सराहनीय बताया है.
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