21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

::::: मतदान के प्रति महिलाओं में दिखा रूझान

::::: मतदान के प्रति महिलाओं में दिखा रूझान 22 गुम 10 में पालकोट के गुड़मा पिकेट में शमियाना के नीचे हुआ मतदानप्रतिनिधि, गुमलाअति नक्शल प्रभावित क्षेत्र चिरोडीह, उमड़ा, गुड़मा, नवाडीह सहित खोरा, कसीरा, मुरकुंडा, अंबोवा आदि गांवों में वृद्ध मतदाताओं की तरह महिलाओं में भी मतदान के प्रति रूझान दिखा. कतारबद्ध लाइन में पुरुषों की […]

::::: मतदान के प्रति महिलाओं में दिखा रूझान 22 गुम 10 में पालकोट के गुड़मा पिकेट में शमियाना के नीचे हुआ मतदानप्रतिनिधि, गुमलाअति नक्शल प्रभावित क्षेत्र चिरोडीह, उमड़ा, गुड़मा, नवाडीह सहित खोरा, कसीरा, मुरकुंडा, अंबोवा आदि गांवों में वृद्ध मतदाताओं की तरह महिलाओं में भी मतदान के प्रति रूझान दिखा. कतारबद्ध लाइन में पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक थी. घर का कामकाज और धनकटनी जैसे कार्यों को छोड़ कर मतदान करने के लिए मतदान केंद्रों में कतार में महिलाएं लगी हुई थी. उनसे बात करने पर पता चला कि प्राय: सभी महिलाएं चाहे वह युवती हो अथवा वृद्ध किसी न किसी महिला मंडल अथवा स्वयं सहायता समूह जैसी संस्था से जुड़ी हुई हैं. जिनका लक्ष्य सिर्फ गांव का विकास है. बात करने पर उन लोगों ने बताया कि प्रत्येक गांव में पेयजल, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी मूलभूत सुविधायें बहुत ही जरूरी है. इन जरूरतों के पूरा होने से ही गांव का विकास संभव है और गांव-घरों के विकास के लिए मतदान कर क्षेत्र में एक बेहतर प्रतिनिधि लाना चाहती हैं. वहीं पालकोट प्रखंड क्षेत्र के अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र के तिलईडांड़ गांव का पुल वर्षों से अधूरा है. वहां से गुजरने के बाद चिरोडीह गांव की ओर से कुछ महिलाएं व पुरुषों की टोली नदी से पार कर रही थी. उन लोगों से बात करने पर पता चला कि पुल वर्षों से अधूरा है. ग्रामीणों ने बताया कि पुल के नहीं रहने से भारी परेशानी हो रही है. हम वोट देकर आ रहे हैं. अच्छा जिला परिषद सदस्य और मुखिया जीतेगा तो पुल को बनवाने के लिए काम करेगा. वृद्ध मतदाता भी मतदान में रहे आगे पालकोट प्रखंड के अति नक्शल प्रभावित क्षेत्र चिरोडीह, उमड़ा, गुड़मा, नवाडीह आदि गांवों के मतदान केंद्रों पर वृद्ध मतदाता मतदान को लेकर काफी जागरूक दिखे. इन गांवों के सभी मतदान केंद्रों पर वृद्ध मतदाताओं की भीड़ रही. वृद्ध मतदाताओं ने बताया कि गांव में जनम लेके नब्बे बरस पार हो जाथे. हमरे बुढ़ा जाथी. लेकिन गांव कर विकासे नी होवे थे. रोडों ठीक नखे. पानी पियेक ले घर कर ओरे एक ठो चापानल आहे. उकर से कानवे लखे काम चला थे. पानी नी निकलेल तो नदी कर पानी के पीया थी. अब तो जिनगियों भी हियें खत्म होवी. गांव में नेता मन कर चुनाव होवा थे. कह हईं जीते के बाद सब समस्या खत्म होई जावी. हमरे तो चाहा थी कि कोनवे लखे गांव में छउवा मन कर पढ़ेक ले एगो स्कूल खुल जावी. बेस से रोड बनी और पानी कर दिक्कत नी होवी. याद रखबे आयो, हमर चुनाव चिह्न… हैरविवार को प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ निर्वाचन क्षेत्र के गलियों व मतदान केंद्रों के ईद-गिर्द भटकते रहे. गली मुहल्लों से गुजरने के समय किसी घर पर यदि कोई महिला या पुरुष दिखे तो प्रत्याशी वहां रूक गये और चिर-परीचित अंदाज में हाथ जोड़ कर सबसे पहले प्रणाम किये. हालचाल जाना और सीधे मुद्दे पर आते हुए कहा याद रखबे, हमर चुनाव चिह्न… है. अखन तीन बजे तक बेरा हय. लेकिन अभिये जावा और वोट मारके आवा. इतना कहने के बाद प्रत्याशी समर्थकों के साथ आगे बढ़ गये. प्रत्याशियों की आपसी खुसुर-फुसुरगांव का भ्रमण करने के बाद प्रत्याशी मतदान केंद्रों पर पहुंच कर मतदाताओं के रूझान को जानने का प्रयास किये. कहने को भले ही प्रत्याशी अपने समर्थकों और गांव-घरों के मतदाताओं को लेकर आश्वस्त थे कि उनका वोट उनके ही पक्ष में होगा. इसके बावजूद भी जिला परिषद, मुखिया, पंसस और वार्ड के अधिकतर प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित कराने के लिए परेशान दिखें. इस दौरान जिला परिषद और मुखिया के कई प्रत्याशियों का आमना-सामना भी हुआ. सामनेवाले प्रत्याशी के चुनाव के संबंध में कुछ बोलने से पूर्व ही एक प्रत्याशी कहता है कि ठीके चलाथे. निकअल जाबु. इस पर दूसरा प्रत्याशी मुस्कुराते हुए कहता है कि लागत तो हय लेकिन अखन कोनवे नी कहल जायले.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें