पोड़ैयाहाट प्रखंड के हंसडीहा-महगामा एनएच-133 पर भटौंधा गांव के समीप निर्माणाधीन पुल को लेकर ग्रामीणों की शिकायत पर बीडीओ फुलेश्वर मुर्मू ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया. जांच के दौरान पाया गया कि निर्माण कार्य कर रही डीबीएल कंपनी द्वारा स्थानीय लोकल छड़ का उपयोग किया जा रहा है, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. बीडीओ ने मौके पर एनएचएआई के अधिकारियों को बुलाकर यह स्पष्ट करने को कहा कि किस प्रकार के छड़ का उपयोग अनुमोदित है. इस पर एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि आईएसआई मार्का का कोई भी छड़ इस्तेमाल किया जा सकता है और इसके लिए किसी विशेष ब्रांड की बाध्यता नहीं है. जब बीडीओ ने प्राक्कलन (एस्टीमेट) दिखाने की मांग की, तो अधिकारियों ने इसे साझा करने से इनकार कर दिया. बीडीओ ने कहा कि वे पूरे मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजेंगे. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि निर्माण स्थल पर कहीं भी सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है, जिससे आमजन को यह जानकारी ही नहीं मिल पा रही कि किस एजेंसी द्वारा, कितनी लागत में और किस प्रावधान के तहत कार्य किया जा रहा है. गौरतलब है कि पिछले दो महीनों से डीबीएल कंपनी को विभिन्न निर्माण स्थलों पर ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इससे यह सवाल उठता है कि क्या एनएच विभाग को कार्यस्थलों पर सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य नहीं है और क्या ग्रामीणों को यह जानने का अधिकार नहीं है कि उनके क्षेत्र में कौन सा निर्माण कार्य किस मानक के अनुसार हो रहा है. ग्रामीणों ने मांग की है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निष्पक्ष जांच हो और जनता को सभी आवश्यक सूचनाएं प्रदान की जायें.
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