प्रखंड में पड़ रही चिलचिलाती धूप से लोगों को परेशानी हो रही है. सुबह से ही धूम की तपिश बढ़ने से लोग पसीने से तरबतर हो जाते हैं. दोपहर के समय लू चलने लगती है. दोपहर के समय बाजार और ग्रामीण इलाकों की सड़कें व मुख्य बाजार सूने पड़ जाते हैं. जरूरी काम से ही लोग घर से बाहर निकलते हैं. रिक्शा, ठेला चालक, सड़क किनारे बसे छोटे दुकानदार तथा मजदूरी करनेवालों के साथ-साथ स्कूली छात्र-छात्राओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस बार किसी भी स्वयंसेवी संस्था ने सार्वजनिक जगहों पर प्याऊ की व्यवस्था नहीं की है. इसके कारण लोगों को प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.
खराब पड़ी है
जलापूर्ति योजन
ाडुमरी चौक स्थित दुर्गा मंदिर के समीप पंचायत समिति मद से तत्कालीन प्रमुख ने सितंबर 2015 को पेयजलापूर्ति योजना का शिलान्याश किया था, लेकिन अब यह योजना खराब पड़ी है. टंकी में लगा नल तक टूट गया है. देखरेख के अभाव में टंकी खराब पड़ी है. कमरे में तला लटका हुआ है, संपन्न लोग बोतलबंद पानी से काम चला लेते हैं, लेकिन गरीब पानी के लिए भटकते रहते हैं.
क्या कहते हैं स्थानीय लोगगर्मी में आवश्यक घरेलू काम के लिए खरीदारी करने बाजार जाना पड़ रहा है. चौक-चौराहों में प्याऊ की व्यवस्था नहीं रहने के कारण प्यास बुझाने में परेशानी हो रही है.विजय कुमारसार्पवजनिक स्थलों पर प्याऊ की व्यवस्था नहीं होने से स्कूल कॉलेज जानेवाले छात्र-छात्राओं को परेशानी होती है. प्यास लगने की स्थिति में उन्हें भटकना पड़ता हैगौरव सिंहचिलचिलाती धूप में घर से निकलने में परेशानी हो रही है. शादी का समय है, इसलिए यात्रा करनी पड़ रही है. चौक-चौराहों व बस स्टैंड में प्याऊ की व्यवस्था होनी चाहिए.
प्रेम कुमारगर्मी व धूप के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है. प्यास लगने पर राहगीर चापाकल की तलाश करते हैं. चौक-चौराहों पर पानी की व्यवस्था होनी चाहिए.रिक्की जायसवाल
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