प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर प्रतिदिन अवैध रूप से लाखों रुपये की लागत का बेशकीमती माइका को तिसरी से गावां प्रखंड के माल्डा होते हुए कोडरमा जिले में टपाया जा रहा है. इस अवैध कार्य में तिसरी प्रखंड मुख्यालय के एक दर्जन से ज्यादा ढिबरा व्यवसायी, ट्रैक्टर मालिक तथा गावां व कोडरमा के कई ढिबरा व्यवसायी शामिल हैं. खनन व वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को यह जानकारी है कि प्रतिदिन ट्रैक्टर और पिकअप वैन से माइका कोडरमा भेजा जा रहा है, इसके बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.
इन जंगलों में होती है खुदाई
सूत्रों के अनुसार वर्तमान में तिसरी के लोकाई, नयनपुर, खटपोंक, पचरुखी, गड़कुरा, मनसाडीह, गोलगो, सलगाडीह, चंदवापहरी, जीनाडीह, आसगंदों, भोक्ताडीह समेत अन्य जंगलों से प्रतिदिन रात एक से दो बजे के बीच 10-12 पिकअप वैन और ट्रैक्टर माइका लोड होकर निकलते हैं. वैन तिसरी चौक होते हुए मचनियाटांड़, गडकुरा, बरवाडीह, घंघरीकुरा, गांवा प्रखंड के तराई भतगरवा के जंगल पहुंचती है. उक्त जंगल में कोडरमा के व्यापारी मौजूद रहते हैं. रात में ही माइका की कीमत तय कर उसे कोडरमा के डोमचांच भेज दिया जाता है. सूत्रों के अनुसार माइका लदे ट्रैक्टर या पिकअप वैन को तराई तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए पांच- छह दो पहिया व चार पहिया वाहन स्कॉट करता है. इसमें माइका व्यवसाई और ट्रैक्टर मालिक खुद रहते हैं. बाइक सवार रात भर यह पता लगाने में रहते हैं कि वन विभाग के अधिकारी या कर्मचारी किस क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर रहे हैं. उसी के अनुसार गावां या कोडरमा के डोमचांच माइका ले जाने का रूट तय होता है.
क्या कहते हैं वन प्रक्षेत्र अधिकारी
गावां के वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि वन विभाग लगातार छापेमारी अभियान चला रहा है. गावां क्षेत्र से माइका लदे कई वाहनों को भी जब्त किया गया है. चोरी-छिपे तिसरी से माइका गावां या कोडरमा ले जाने की सूचना मिल रही है. वन विभाग भी पूरी तरह से चौकस है. किसी भी कीमत पर अवैध कारोबार करने नहीं दिया जायेगा. सघन छापेमारी अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए तिसरी के वनकर्मी भी लगे हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है