नाइजर में काम कर रहे झारखंड के विभिन्न जिलों से 19 मजदूर अब नाइजर छोड़ने का मन बनाया है. ये मजदूर अपने साथियों के सुरक्षित रिहाई को लेकर लगातार कंपनी के कर्मियों से सवाल- जवाब कर रहे हैं. सिर्फ मजदूरों को इस मामले में वहां भी आश्वासन मिल रहा है. मजदूरों से कहा जा रहा है कि नाइजर सरकार और वहां की सैनिकों के बीच लगातार बात चल रही है. लेकिन मजदूरों को कहां रखा गया है, यह स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है.
आस्ट्रेलियन मजदूरों को दो-तीन माह बाद छोड़ा गया
वहां पर रह रहे मजदूर ने यह भी बताया कि इसी तरह एक घटना में अस्ट्रेलियन मजदूरों को भी अगवा किया गया था जिसमें उन्हें दो-तीन माह के बाद छोड़ा गया था. हालांकि मजदूरों को खाना-पीना दिया जाता है. लेकिन उनके परिजनों को घटना के बाबत सुनकर भय बना रहता है. नाइजर में बगोदर प्रखंड से दोंदलो पंचायत के दोंदलो के अजय महतो, बैजनाथ महतो, बनपुरा के नरेश सिंह, सुरेश प्रसाद सिंह हैं. वहीं डुमरी प्रखंड से भरखर के बबलू महतो, सरिया प्रखंड के श्रीरामडीह के मानिक महतो, हजारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड के रखवा के जानकी महतो, संजय कुमार महतो, रामचंद्र महतो, विक्की राज महतो, टेकलाल महतो, बकसपुरा के टोकन महतो, भलुवा के किशुन महतो, बरांय के अनिल कुमार महतो, श्यामलाल महतो, करगालो के रमेश महतो, बेड़ाहरिहरा के तुलसी महतो, मांडू प्रखंड से किमो के मोजीलाल महतो, नावाडीह प्रखंड पिलपिलो के प्रेमचंद महतो हैं जो नाइजर में काम करने गए हैं. मजदूरों ने कंपनी से अपनी घर वापसी की गुहार लगायी है. लेकिन, कंपनी काम पूरा करने का दबाव बना रही हैं.
लगातार किया जा रहा है संपर्क
इधर इस मामले में बगोदर-सरिया अनुमंडल पदाधिकारी संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि अभी तक मजदूरों को लेकर कोई सूचना नहीं आ रही है, लेकिन लगातार संपर्क जारी है.
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