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डीएसइ समेत दो पर कार्रवाई की अनुशंसा

राकेश सिन्हा गिरिडीह : डीसी उमाशंकर सिंह ने जिला शिक्षा अधीक्षक महमूद आलम समेत दो लोगों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की है. डीएसइ और जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के क्लर्क मनोज कुमार रवानी पर वित्तीय अनियमितता की साजिश रचने और सरकारी आदेश के उल्लंघन का आरोप है. इस मामले में उपायुक्त ने डीएसइ […]

राकेश सिन्हा
गिरिडीह : डीसी उमाशंकर सिंह ने जिला शिक्षा अधीक्षक महमूद आलम समेत दो लोगों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की है. डीएसइ और जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के क्लर्क मनोज कुमार रवानी पर वित्तीय अनियमितता की साजिश रचने और सरकारी आदेश के उल्लंघन का आरोप है. इस मामले में उपायुक्त ने डीएसइ के खिलाफ प्रपत्र ‘ क’ भी गठित कर दिया है.
क्या है प्रपत्र ‘ क ‘ में : डीसी ने प्रपत्र ‘क’ में कहा है कि सरकार के उप सचिव (स्कूली एवं साक्षरता विभाग, झारखंड रांची के संकल्प) की ओर से वर्ष 1987, 1988, 1994, 1999 एवं 2000 में राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त अप्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ग्रेड वन देने एवं नियुक्ति की तिथि के आधार पर उनकी पारस्परिक वरीयता सूची तैयार करने का निर्देश जिला शिक्षा अधीक्षक को दिया गया था.
जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा तैयार की गयी सूची को संबंधित उपायुक्त एवं क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक की ओर से संयुक्त रूप से सत्यापित किये जाने का निर्देश भी दिया गया था,लेकिन सरकार के इस आदेश की अनदेखी करते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक ने उपायुक्त एवं क्षेत्रीय उप निदेशक की स्वीकृति बिना ही पारस्परिक वरीयता निर्धारण के स्थान पर शिक्षकों की योगदान की तिथि से ग्रेड वन वेतनमान की स्वीकृति आदेश जारी कर दिया और वेतन निर्धारण करने का आदेश भी दे दिया.
उपायुक्त ने कहा है कि जिला शिक्षा अधीक्षक का अपने स्वार्थ में वित्तीय अनियमितता की साजिश किया जाना प्रतीत होता है. इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि उपायुक्त ने उक्त आरोपों के आलोक में 17 फरवरी को ही दो दिनों में स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन इसका जवाब भी नहीं दिया गया.
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लिपिक मनोज डीएसइ कार्यालय से हटे
वेतनमान निर्धारण के मामले में की गयी गड़बड़ी के मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के लिपिक मनोज कुमार रवानी की संलिप्तता भी पायी गयी है. उपायुक्त के जारी आदेश में कहा गया है कि बड़ी मात्रा में सरकारी राशि गबन करने और वित्तीय अनियमितता की साजिश रचने में लिपिक रवानी की भी अहम भूमिका है. आदेश में कहा गया है कि लिपिक रवानी को हटाना प्रशासनिक दृष्टिकोण से जरूरी है. इसलिए उन्हें जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल हजारीबाग के लिए विरमित किया जाता है.
इसी आदेश में क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक से श्री रवानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए कहा गया है कि इन्हें भविष्य में पुन: गिरिडीह कार्यालय में पदस्थापन नहीं किया जाये. इस मामले में डीसी श्री सिंह ने क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक से फोन पर भी बातचीत की और सारी स्थितियों से अवगत कराया है.
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शिक्षा सचिव को दी गयी है जानकारी : डीसी
डीसी उमाशंकर सिंह ने कहा कि शिक्षकों के वेतनमान के निर्धारण में रची जा रही साजिश की जानकारी शिक्षा सचिव को भी दी गयी है. कहा कि डीएसइ महमूद आलम के साथ क्लर्क मनोज कुमार रवानी के कृत्यों से विभागीय सचिव को अवगत कराया गया है.

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