जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत का फैसला
दोषियों का बेल बांड कैंसिल
आउटसोर्सिंग कंपनी मां प्यारी इंटरप्राइजेज के शिफ्ट इंचार्ज की हत्या का मामला
गिरिडीह : जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) कुमार दिनेश की अदालत ने हत्या के मामले में मंगलवार को दो को दोषी करार दिया गया है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चिलगा के संतोष दास एवं गोविंद यादव को भादवि की धारा 302/34 एवं 120 (बी) में दोषी ठहराया गया है. सीसीएल बनियाडीह के कबरीबाद माइंस में आउटसोर्सिंग से कोयला उत्खनन का करने वाली मां प्यारी इंटरप्राइजेज के शिफ्ट इंचार्ज बिहार के जमुई जिले के खैरा थाना क्षेत्र के धनवे निवासी दयानंद सिंह की हत्या के मामले में अदालत ने यह फैसला सुनाया है.
दोषी करार दिये जाने बाद अदालत ने संतोष व गोविंद का बेल बांड कैंसिल कर दिया और न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा गिरिडीह भेज दिया. अदालत इस मामले में 22 अगस्त को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई करेगी. यह घटना 28 नवंबर 2013 की रात की है. इस घटना को लेकर मुफस्सिल थाना में कांड संख्या 593/13 दर्ज किया गया था.
क्या है मामला : मृतक दयानंद सिंह के भतीजा पंकज सिंह के फर्द बयान पर मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. अपने बयान में पंकज ने कहा था कि वह मां प्यारी में सुपरवाइजर का काम करता है, जबकि उसके चाचा शिफ्ट इंचार्ज के रूप में काम करते हैं. 28 नवंबर 2013 को सवा आठ बजे रात उसके चाचा दयानंद कबरीबाद माइंस में सभी कर्मी को ड्यूटी बांटने के लिए बनियाडीह सीसीएल गेस्ट हाउस से निकले थे. वह सीसीएल गेस्ट के सामने मेंस में था.
रात लगभग पौने नौ बजे उसने अपने चाचा दयानंद के मोबाइल पर बात की तो बोले कि आ रहे हैं. जब आधा घंटा बीत गया और वह नहीं आये तो उनके मोबाइल पर वह पांच बार फोन लगाया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद वह अपने सहकर्मी महबूब अंसारी एवं ड्राइवर व एक अन्य को लेकर बोलेरो से माइंस की तरफ चाचा को देखने जा रहा था.
तभी माइंस घुसने से पहले रास्ते पर चाचा का बाइक पड़ी दिखी, जबकि चाचा खून से लथपथ गिरे पड़े थे. उनकी पीठ से खून बह रहा था. इसके बाद वह अपने साथ के कर्मी के साथ चाचा को बोलेरो से सीसीएल अस्पताल ले आये, जहां से चिकित्सक ने तुरंत सदर अस्पताल भेज दिया. सदर अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.