प्रतिनिधि, गढ़वा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की बैठक सोमवार को गढ़वा सदर अस्पताल के सभागार में आयोजित की गयी. बैठक में जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी विभिन्न समस्याओं और निजी अस्पतालों में हाल में हुई घटनाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. चिकित्सकों ने कहा कि पिछले दिनों यह देखा जा रहा है कि निजी अस्पतालों में मरीज की मृत्यु होने पर वास्तविक परिजनों के बजाय कुछ बाहरी लोग हंगामा करते हैं और अस्पताल से पैसों की उगाही करने का प्रयास करते हैं. यह नया चलन समाज और चिकित्सा जगत दोनों के लिए खतरनाक है. इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना जरूरी है. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मरीज की मृत्यु के मामलों की जांच होनी चाहिए. बिना योग्य चिकित्सक और चिकित्सा सुविधा के इलाज कराना दुर्भाग्यपूर्ण है. आइएमए पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि निजी अस्पताल संचालक खुद में सुधार नहीं करते, तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जायेगी. निजी अस्पताल संचालकों ने फायर सेफ्टी विभाग पर अवैध वसूली का आरोप लगाया. इस मामले को उपायुक्त के समक्ष रखने का निर्णय लिया गया. साथ ही, चिकित्सकों को सख्त निर्देश दिया गया कि वे अपना प्रमाणपत्र इधर-उधर न दें, अन्यथा आइएमए कार्रवाई करेगा. बैठक में यूट्यूबर पत्रकारों द्वारा निजी अस्पताल संचालकों से पैसे की मांग और धमकी देकर भ्रामक खबरें प्रकाशित करने की घटनाओं पर भी चिंता जतायी गयी. तय हुआ कि केवल रजिस्टर्ड संस्था से जुड़े पत्रकारों को ही अस्पताल परिसर में प्रवेश दिया जाए और अन्य किसी की सूचना तुरंत पुलिस को दी जाये. डॉ नंद किशोर रजक ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा आइएमए की पुरानी मांग है और सरकार को इस पर गंभीरता से कदम उठाने चाहिए.बैठक में सचिव पंकज प्रभात, डॉ ज्वाला प्रसाद सिंह, डॉ कुमार निशांत सिंह, डॉ अरशद अंसारी, डॉ मुनाजिर हसन, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ प्रशांत प्रमोद, डॉ राकेश कुमार तरुण सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे
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