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15 दिन से बिन सुरक्षा के हैं जिले के अस्पताल
गढ़वा : गढ़वा सदर अस्पताल पिछले कई दिनों से सुरक्षा विहीन हो गया है. सुरक्षा गार्ड को हटाने के निर्देश के बाद सदर अस्पताल में एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं रह गये हैं. यही स्थिति जिले के अन्य स्वास्थ्य उपकेंद्रों व रेफरल अस्पतालों की भी है. उल्लेखनीय है कि पिछले छह वर्ष से जिले के विभिन्न […]
गढ़वा : गढ़वा सदर अस्पताल पिछले कई दिनों से सुरक्षा विहीन हो गया है. सुरक्षा गार्ड को हटाने के निर्देश के बाद सदर अस्पताल में एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं रह गये हैं. यही स्थिति जिले के अन्य स्वास्थ्य उपकेंद्रों व रेफरल अस्पतालों की भी है. उल्लेखनीय है कि पिछले छह वर्ष से जिले के विभिन्न अस्पतालों में 82 सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से लगाया गया था.
सुरक्षाकर्मियों द्वारा दिन में मरीजों को नियंत्रित करने, असामाजिक तत्वों से निबटने व रात्रि में अस्पताल की सुरक्षा करने का काम देखा जा रहा था. इन सुरक्षाकर्मियों को संवेदक के कांट्रेक्ट की अवधि समाप्त हो जाने के कारण हटा दिया गया है. नया टेंडर निकाला नहीं गया है, जिससे सुरक्षाकर्मी फिर से बहाल नहीं किये जा सके हैं.
इधर छह वर्ष से काम कर रहे सुरक्षाकर्मी हटाये जाने के बाद बेरोजगार हो गये हैं. उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. इसको लेकर हटाये गये सुरक्षाकर्मी सुरेंद्र पांडेय, कुलदीप पांडेय, संतोष दुबे, संजय चौबे, नागेंद्र राम, राकेश तिवारी, विकास चौबे, शमशुद्दीन अंसारी, सतीश शुक्ला, राजू कुमार, रणधीर कुमार, श्रीराम, देव नारायण पासवान, राजा राम आदि ने बताया कि उन्होंने सिविल सर्जन, विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से गुहार लगायी है.
लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है. इधर सुरक्षाविहीन होने के बाद अस्पताल के कर्मी असहज स्थिति में हैं. विदित हो कि सदर अस्पताल में हमेशा हंगामा, मारपीट व तोड़फोड़ जैसी घटनाएं होती रहती हैं, जिन्हें नियंत्रित करने में सुरक्षाकर्मी अपना योगदान देते थे.
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