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अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो सका विकास

अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो सका विकास 29जीडब्ल्यूपीएच30- खरडीहा पंचायत सचिवालय की तसवीर29जीडब्ल्यूपीएच31-देव कुमार यादव29जीडब्ल्यूपीएच32-रघु साव29जीडब्ल्यूपीएच33-पप्पू पांडेय29जीडब्ल्यूपीएच34-जवाहर साव29जीडब्ल्यूपीएच35-रूकमणि कंुवर29जीडब्ल्यूपीएच36-बालेश्वर कोरवा29जीडब्ल्यूपीएच37-मुखिया अनिल चंद्रवंशीपंचायत-खरडीहाप्रखंड-रंकाफैक्ट फाइलपंचायत का नाम-खरडीहाकुल जनसंख्या-5731कुल मतदाता-3662पुरुष मतदाता-1918महिला मतदाता-1744स्वास्थ्य उपकेंद्र-एकआंगनबाड़ी केंद्र-आठ मवि-पांच, प्रावि-आठ जनवितरण प्रणाली की दुकान-पांचपंचायत सचिवालय का अपना भवनपंचायत के गांव-खरडीहा, दौनादाग, सलैया, तेतरडीह, तेनुडीह, सेराशाम, सेमरखाड़ एवं सीज रंका(गढ़वा). वर्ष 2010 में […]

अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो सका विकास 29जीडब्ल्यूपीएच30- खरडीहा पंचायत सचिवालय की तसवीर29जीडब्ल्यूपीएच31-देव कुमार यादव29जीडब्ल्यूपीएच32-रघु साव29जीडब्ल्यूपीएच33-पप्पू पांडेय29जीडब्ल्यूपीएच34-जवाहर साव29जीडब्ल्यूपीएच35-रूकमणि कंुवर29जीडब्ल्यूपीएच36-बालेश्वर कोरवा29जीडब्ल्यूपीएच37-मुखिया अनिल चंद्रवंशीपंचायत-खरडीहाप्रखंड-रंकाफैक्ट फाइलपंचायत का नाम-खरडीहाकुल जनसंख्या-5731कुल मतदाता-3662पुरुष मतदाता-1918महिला मतदाता-1744स्वास्थ्य उपकेंद्र-एकआंगनबाड़ी केंद्र-आठ मवि-पांच, प्रावि-आठ जनवितरण प्रणाली की दुकान-पांचपंचायत सचिवालय का अपना भवनपंचायत के गांव-खरडीहा, दौनादाग, सलैया, तेतरडीह, तेनुडीह, सेराशाम, सेमरखाड़ एवं सीज रंका(गढ़वा). वर्ष 2010 में जब 32 वर्ष बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुआ, तो गांव की सरकार को लेकर लोगों में काफी उत्साह था. लोगों में उम्मीदें जगी थी कि अब उनके गांव का भी विकास होगा, लेकिन बीते पांच वर्षों में खरडीहा पंचायत के हालात में अपेक्षाकृत बदलाव नहीं हुआ. गांव में विकास के कार्य हुए, लेकिन वह उम्मीदों से विपरीत रहा. इन पांच वर्षों के दौरान गांव में पंचायत सचिवालय का निर्माण हुआ, लेकिन पंचायत सचिवालय तक पहुंचने के लिए रास्ता आज तक नहीं बन सका. इसके कारण पंचायत सचिवालय बंद रहता है और मुखिया पंचायत का काम-काज को निबटारे के लिये प्रखंड कार्यालय के समीप किराये का एक कमरा लेकर सचिवालय को संचालित करते रहे. पंचायत सचिवालय में सिर्फ ग्राम सभा का आयोजन ही किया जाता था. स्वास्थ्य सुविधा बदहाल खरडीहा पंचायत में सचिवालय से सटे एक स्वास्थ्य उपकेंद्र है. जहां मरीजों को पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है. इस पंचायत में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है. इसके अलावा पानी, बिजली, सड़क की स्थिति भी ठीक नहीं है. गांव में स्वच्छता अभियान के तहत अपेक्षाकृत कार्य नहीं हुये. इस पंचायत के लोग बीमार पड़ने पर इलाज के लिए रंका अथवा गढ़वा जाने के लिए विवश हैं. शौच से मुक्त नहीं हुआ पंचायत स्वच्छता अभियान के तहत इस पंचायत में शौचालय निर्माण के लिए दौनादाग एवं सलैया गांव के 80 घरों का चयन किया गया. लेकिन शौचालय के घटिया निर्माण के कारण शौचालय का लाभ लोगों को नहीं मिल सका. बताते हैं कि ठेका पर शौचालय का निर्माण किया गया, इससे उसकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसलिये पंचायत अब भी खुले में शौच से मुक्त नहीं हो सका.क्या कहते हैं लोगपंचायत में काम नहीं हुआ: जवाहर साव पंचायत के सेराशाम गांव निवासी जवाहर साव ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में पिछले पांच वषों के दौरान मुखिया के द्वारा कोई काम नहीं किया गया. आज भी यहां के लोग पानी, सड़क व नाली की समस्या से जूझ रहे हैं. एक वर्ष से चापाकल खराब है. कई बार कहने के बावजूद भी उसे नहीं बनवाया गया. दूर से लोगों को पानी लाकर पीना पड़ता है.पंचायत सचिवालय नहीं खुलता: पप्पू पांडेयपंचायत के निवासी पप्पू पांडेय ने कहा कि मुखिया द्वारा जनहित में कोई कार्य नहीं किया गया. बीते पांच वर्षों के दौरान पंचायत में विकास का कोई भी काम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवालय कभी नहीं खुलता है और न ही वहां मुखिया बैठते हैं. पंचायत सचिवालय तक जाने के लिये रास्ता का निर्माण नहीं हो सका है. मजदूरी तक नहीं मिली : रघु साव दौनादाग गांव निवासी रघु साव शौचालय निर्माण को लेकर मुखिया पर काफी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि मुखिया द्वारा लाभुक क ो शौचालय निर्माण का काम न देकर ठेका से करवाया. ठेकेदार द्वारा काफी घटिया शौचालय का निर्माण करवाया गया है. उन्होंने कहा कि शौचालय के लिये खुद नींव की खुदायी की थी. उसका मजदूरी भी नहीं मिला. मुखिया ने विकास किया है : रूकमणि कुंवरपंचायत के तेतरडीह गांव निवासी रूकमणि कुंवर कहती हैं कि मुखिया का कार्य संतोषजनक रहा है. मुखिया अपने अधिकार क्षेत्र के तहत पीसीसी सड़क का निर्माण करवाया तथा चापाकल भी गड़वाया. रूकमणि ने कहा कि उसे वृद्धापेंशन नहीं मिलता था, लेकिन मुखिया के प्रयास से उसे पेंशन मिलना शुरू हो गया. विकास कार्य हुए हैं : बालेश्वर कोरवापंचायत के सीजो गांव निवासी बालेश्वर कोरवा ने कहा कि मुखिया को जितना अधिकार मिला था, उसक अनुसार उन्होंने विकास का कार्य किया है. उन्होंने कहा कि गांव में सड़क, नाली एवं पेजयल की व्यवस्था मुखिया द्वारा करायी गयी है, लेकिन गांव खुले शौच से मुक्त नहीं हो सका है. गांव-टोले का विकास नहीं हुआ: देव कुमार यादव पंचायत निवासी देव कुमार यादव ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई तो खुशी थी कि अब गांव-टोले का भी समुचित विकास हो सकेगा. लोगों को रोजगार मिलेगा. रोजगार के लिए पलायन नहीं करेंगे. लेकिन मुखिया ने रोजगार सृजन के लिये कोई पहल नहीं की. मुखिया ने पांच सालों तक जन आकांक्षाओं के साथ खिलवाड़ किया है. पंचायती राज व्यवस्था में भ्रष्टाचार बढ़ी है. क्या कहते हैं मुखिया खरडीहा पंचायत के मुखिया अनिल चंद्रवंशी ने कहा कि सरकार के द्वारा मुखिया को जो अधिकार मिला था, उसके तहत उन्होंने पंचायत में अपेक्षाकृत विकास किया है. उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग की राशि से सात पीसीसी सड़क, आठ चबूतरा, तीन चापाकल, दो स्नान घाट तथा दो सामुदायिक भवन( सामुदायिक भवन निर्माणाधीन)का काम कराया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पंचायत में पांच पीसीसी सड़क, आठ मिट्टी मोरम का सड़क, एक तालाब, दो बांध, 57 कूप, 90 इंदिरा आवास तथा 211 लोगों को वृद्धापेंशन दिलवाने का काम किया है.

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