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Tribals Protest in Jamshedpur: आदिवासी बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले गुरुवार को आदिवासी जनाक्रोश महारैली निकाली गयी. इसमें 40 हजार से अधिक महिला-पुरुष शामिल हुए. कोल्हान समेत जमशेदपुर के अलग-अलग हिस्सों से आये संताल, हो, मुंडा, भूमिज, उरांव समेत अन्य जनजातीय समाज के माझी बाबा, मानकी बाबा, गोडेत बाबा, पारानिक बाबा और परगना बाबा के नेतृत्व में महिला-पुरुष रैली निकाल कर पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए.
कुड़मी को एसटी में शामिल करने की मांग पर नारेबाजी
कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने की मांग समेत अन्य मुद्दों पर जोरदार विरोध किया. पारंपरिक लाल पाड़ की साड़ी पहनीं महिलाएं और हाथ में पारंपरिक हथियार (तीर-धनुष, फरसा, कुल्हाड़ी) व ढोल-नगाड़ा लेकर पहुंचे पुरुष अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी करते रहे. भारी जनसमूह को देखते हुए सुरक्षा कारणों से उपायुक्त कार्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी गयी. जुबिली पार्क का मेन गेट भी बंद कर दिया गया.
- कुड़मी को एसटी में शामिल करने की मांग के विरोध में डीसी ऑफिस गेट पर किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
- जमशेदपुर समेत कोल्हान के अलग-अलग हिस्सों से पारंपरिक हथियार व वाद्ययंत्र लेकर जुटे महिला-पुरुष
- उपायुक्त के कार्यालय के पास करीब 3:15 घंटे तक बना रहा अफरातफरी का माहौल
2 बजे शुरू हुआ आदिवासियों का महाजुटान
प्रदर्शन के कारण डीसी ऑफिस के पास करीब 3:15 घंटे तक अफरातफरी की स्थिति बनी रही. दोपहर दो बजे से आदिवासी समाज के लोगों का महाजुटान और प्रदर्शन शुरू हुआ, जो शाम 5 बजे तक जारी रहा. आदिवासी समाज के लोग उपायुक्त कार्यालय के सामने सड़क पर ही बैठ गये और प्रदर्शन जारी रखा. समाज की प्रमुख मांगों में एक थी कि उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी से मिलकर उनके सामने अपनी बातें रखें.
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Tribals Protest in Jamshedpur: 5 बजे कार्यालय से बाहर आये उपायुक्त
शाम करीब 5 बजे उपायुक्त अपने कार्यालय से बाहर निकलकर मुख्य द्वार के पास आये और समाज के प्रमुख लोगों से मिले. उनसे बातचीत की, इस दौरान आदिवासी समाज की ओर से राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा गया. उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि मांग पत्र को संबंधित पदाधिकारी तक अवश्य पहुंचाया जायेगा. करीब 15 मिनट की वार्ता के बाद आदिवासी समाज के लोगों ने उपायुक्त का आभार जताया और जोहार कहकर विदा हो गये.
करीब एक घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही
करीब शाम 5.15 बजे के बाद आदिवासी समाज के लोग लौटने लगे. लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण साकची, मानगो, पुराना कोर्ट से नया कोर्ट और बिष्टुपुर जाने वाली सड़क पर भी जाम की स्थिति बनी रही. शाम करीब 6:30 बजे के बाद ट्रैफिक की स्थिति सामान्य हुई.
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