घाटशिला. घाटशिला प्रखंड की उत्तरी मऊभंडार पंचायत में हाइवे किनारे स्थित कापागोड़ा गांव के लगभग 25 घर हर वर्ष बारिश में जलमग्न हो जाता है. लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. शनिवार को ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध-प्रदर्शन किया. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर नाराजगी जतायी. ग्रामीणों ने बताया कि पुरुषोत्तम दास के घर से कापागोड़ा ओवरब्रिज तक जल निकासी की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में हल्की बारिश से पानी भर जाता है. पिछले वर्ष भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी. प्रशासन और पुलिस ने जेसीबी की मदद से अस्थायी रूप से पानी निकालने की कोशिश की, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं हो सका है. जलजमाव से घरों में रहता है सांप-बिच्छू का डेरा : स्थानीय निवासी विनय कुमार सिंह, दीपंकर दास, शिवराम दास, श्रीनंद दास, संजय दास, विनोद दास, निखिल दास, कमल दास, उत्तम दास, आरके सिंह, जमुना दास, डोली दास और माधवी दास ने विरोध जताया. उन्होंने कहा कि बरसात में घरों में पानी भरने के कारण सांप और बिच्छू व जहरीले जीवों का अड्डा बन जाता है. इससे जान-माल का खतरा बना रहता है.
वर्षों से स्थायी समाधान की मांग कर रहे ग्रामीण:
ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्षों से उक्त समस्या का स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं. जल निकासी के लिए नाली या ड्रेनेज सिस्टम जरूरी है. अबतक एनएचएआइ या स्थानीय प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाया है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि शीघ्र कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो वे आंदोलन और तेज करेंगे.जल्द निरीक्षण कर समाधान निकालेंगे : एसडीओ:
इस संबंध में घाटशिला अनुमंडल पदाधिकारी सुनील चंद्र ने कहा कि जल जमाव वाले स्थान का जल्द निरीक्षण किया जायेगा. यदि नाली (ड्रेनेज) निर्माण की आवश्यकता पायी गयी, तो उपायुक्त और एनएचएआइ के पदाधिकारियों से बातचीत की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

