ताम्र अयस्क की पिसाई मुसाबनी प्लांट में होगी
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बदलेगी नौ गांवों की तस्वीर, पांच सौ लोगों को मिलेगा रोजगार
ताम्र अयस्क की पिसाई मुसाबनी प्लांट में होगी खदान में 15 मिलियन टन ताम्र अयस्क का भंडार लीज एरिया में 9 राजस्व गांव शामिल मुसाबनी : एचसीएल की केंदाडीह खदान से करीब 17 साल बाद गुरुवार को अयस्क ढुलाई शुरू हुई. दोपहर 1.30 बजे खदान के स्टॉक यार्ड में खनन विकास से जमा ताम्र अयस्क […]
खदान में 15 मिलियन टन ताम्र अयस्क का भंडार
लीज एरिया में 9 राजस्व गांव शामिल
मुसाबनी : एचसीएल की केंदाडीह खदान से करीब 17 साल बाद गुरुवार को अयस्क ढुलाई शुरू हुई. दोपहर 1.30 बजे खदान के स्टॉक यार्ड में खनन विकास से जमा ताम्र अयस्क की पहली खेप हाइवा से मुसाबनी क्रशर प्लांट के लिए भेजा गया. ताम्र अयस्क की पिसाई मुसाबनी प्लांट में होगी. पहले दिन छह हाइवा अयस्क की ढुलाई की गयी. अयस्क ढुलाई सिंहभूम इंटरप्राइजेज कर रही है. खदान से वर्ष 2019 में व्यावसायिक उत्पादन शुरू होगा. खदान से पांच सौ लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. वर्तमान में एक सौ लोगों को रोजगार मिला है. मौके पर एचसीएल के वरीय खान प्रबंधक संपत कुमार, डिप्टी मैनेजर सत्येंद्र कुमार, ठेका कंपनी एमएमपीएल के पदाधिकारी उपस्थित थे.
वर्ष 2001 में बंद हुई थी खदान : एचसीएल ने तांबे के मूल्यों में गिरावट के बाद 2001 में केंदाडीह खदान को बंद कर दिया था.
उस समय करीब 400 कामगारों से कंपनी ने जबरन वीआरएस से ले लिया था. जिससे वे बेरोजगार हो गये थे. तांबे के मूल्यों में उछाल पर वर्ष 2012 में खदान फिर से खोलने की पहल हुई. इसके लिए ग्लोबल टेंडर ठेका कंपनी एमएमपीएल को दिया गया. इसके बाद पानी निकासी काम शुरू हुआ.
पहले दिन छह हाइवा अयस्क की ढुलाई की गयी, 100 कामगारों ने किया काम
40 टन ताम्र अयस्क का हो रहा उत्पादन
12 दिसंबर 2017 को केंदाडीह खदान का उद्घाटन हुआ था. इसके बाद से खनन विकास कार्य जारी है. करीब 40 टन ताम्र अयस्क उत्पादित हो रहा है. इस खदान में करीब चार हजार टन अयस्क का भंडार है. लीज एरिया 1139.60 हेक्टेयर है. लीज एरिया में बेनाशोल, सोहदा, तेरंगा, केंदाडीह, चाकुलिया, नेतरा, चापड़ी, कुमीरमुढ़ी, कुलामारा समेत 9 राजस्व गांव शामिल है. खदान में 15 मिलियन टन ताम्र अयस्क का भंडार है. तांबे का ग्रेड 1.2 प्रतिशत है.
48 माह में पूर्ण करना था काम : 73 करोड़ की लागत से खदान फिर से शुरू करने का काम 48 माह में पूरा करना था. हालांकि ग्राम सभा, पर्यावरणीय स्वीकृति में विलंब के कारण देर हुआ. एक नवंबर 2017 को खदान में पानी निकासी के बाद खदान के विकास के लिए अंडर ग्राउंड में ब्लास्टिंग की गयी.
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