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Lead : छोटी रणबहियार की सड़कें बदहाल, परेशान ग्रामीण

धोबई नदी पंचायत को भौगोलिक रूप से दो भागों में विभाजित करती है. छोटी रण बहियार पंचायत में सेजापहाड़ी, गिधबना, लौढिया, आलूबाड़ा, खुदीमेरखो, पंडुआ तथा छोटी रणबहियार गांव शामिल है. इनमें से पंचायत मुख्यालय छोटी रणबहियार सहित पंडुआ धोबई के पश्चिम तट की तरफ अवस्थित है, जबकि खुदीमेरखो, आलूबाड़ा, सेजापहाड़ी, गिधबन्ना तथा लौढ़िया धोबई नदी के दक्षिण की तरफ अवस्थित है.

कैसे हो विकास. राज्य गठन के 24 वर्ष बाद सेजा पहाड़ी-डुमरजोर सड़क का पक्कीकरण नहींमणिचयन, रामगढ़

दुमका जिले के रामगढ़ व गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड की सीमा पर अवस्थित छोटी रणबहियार पंचायत की सड़कें बदहाल हो गयी है. धोबई नदी पंचायत को भौगोलिक रूप से दो भागों में विभाजित करती है. छोटी रण बहियार पंचायत में सेजापहाड़ी, गिधबना, लौढिया, आलूबाड़ा, खुदीमेरखो, पंडुआ तथा छोटी रणबहियार गांव शामिल है. इनमें से पंचायत मुख्यालय छोटी रणबहियार सहित पंडुआ धोबई के पश्चिम तट की तरफ अवस्थित है, जबकि खुदीमेरखो, आलूबाड़ा, सेजापहाड़ी, गिधबन्ना तथा लौढ़िया धोबई नदी के दक्षिण की तरफ अवस्थित है. दोनों तरफ के गांवों को आपस में जोड़ने के लिए धोबई नदी पर चार-पांच वर्ष पूर्व पुल का निर्माण सरकार द्वारा भले ही करा दिया गया है. पर धोबई नदी के दक्षिण की तरफ अवस्थित सभी गांव की सड़कें अत्यंत जर्जर हैं. रामगढ़-हंसडीहा मुख्य मार्ग से सेजा पहाड़ी होते हुए डुमरजोर को जानेवाली सड़क अभी तक कच्ची है. झारखंड राज्य के गठन के लगभग 24 वर्ष बीतने के बाद भी यह सड़क पक्की नहीं हो पाई है. रामगढ़-हंसडीहा मुख्य सड़क से सेजा पहाड़ी को जोड़ने वाली सड़क का भी यही हाल है. सेजा पहाडी के पास रामगढ़-हंसडीहा मुख्य सड़क से आलूबाड़ा होते हुए पंचायत मुख्यालय छोटी रण बाहियार को जोड़ने वाली सड़क भी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. पूरी सड़क पर बोल्डर निकल आये हैं. लगभग 15 वर्ष पूर्व निर्मित यह सड़क मरम्मत की बाट जोह रही है.

गिधबन्ना-लौढ़िया सड़क की स्थिति है खतरनाक

गिधबन्ना को लौढ़िया से जोड़ने वाली सड़क की स्थिति तो और भी खराब है. दशकों पूर्व अविभाजित बिहार के समय में ही सड़क का निर्माण हुआ था, उस समय सड़क को ग्रेड वन तक बना कर छोड़ दिया गया था. पूरी सड़क पर बड़े-बड़े बोल्डर ही दिखते हैं. जिसके कारण ज्यादातर लोगों ने सड़क से गुजरना छोड़ दिया है. गिधबन्ना से लौढ़िया होते हुए छोटी रण बहियार को जानेवाली सडक भी पूरी तरह से जर्जर है. गिधबन्ना संताली टोले से लौढ़िया तक सड़क का निर्माण भी लगभग 15 वर्ष पूर्व हुआ था. वर्तमान समय में सड़क में भी बड़े-बड़े बोल्डर निकल गये हैं, जबकि लौढ़िया सीमा से छोटी रण बहियार पुल तक सड़क अभी भी कच्ची है. बरसात के मौसम में सड़क से गुजरना पूरी तरह से मुश्किल हो जाता है. बाइक समेत अन्य कोई भी वाहन इस मार्ग से नहीं जा सकते. खुदी मेरखो से मडगामा को जोडने वाली सडक भी आज तक कच्ची है. खुदी मेरखो के ग्रामीण आज भी पक्की सड़क से जुड़ने का इंतजार ही कर रहे हैं. इन सभी सड़कों की स्थिति इतनी खराब है कि ग्रामीण इन सड़कों पर चलने की बजाय सड़क के बगल में बनी पगडंडियों से गुजरना ज्यादा पसंद करते हैं. मरम्मत की पहल नहीं हो रही है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

पंचायत की अधिकांश सड़कें पूरी तरह से जर्जर हो गयी है. इन सड़कों से आना-जाना बहुत मुश्किल है.मरम्मत नहीं हो रही है.

प्रीति कुमारी, सेजा पहाडी. गिधबन्ना की सभी सडकें अत्यंत जर्जर है. सड़कों पर बड़े-बड़े बोल्डर निकल आए हैं. सड़कों की मरम्मत कराने की पहल हो.

संतोष यादव, गिधबन्ना.सेजा पहाड़ी गांव की सभी सड़कें आज तक कच्ची हैं. इस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. प्रशासन ध्यान दे.

जीतन मांझी, सेजापहाड़ी15-16 वर्ष पूर्व निर्मित सड़कों की कभी मरम्मत नहीं हुई. प्रशासन इनकी मरम्मत कराये.ताकि आवागमन सुगम हो पाये.

अनिरुद्ध यादव, गिधबन्ना.छोटी रणबहियार पंचायत शुरू से ही प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार रहा है. इसी वजह से सभी सडकें जर्जर हैं. मरम्मत होनी चाहिए.

मनोज कुंअर, सेजापहाड़ी

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Prabhat Khabar News Desk
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