बासुकिनाथ. नगर पंचायत बासुकिनाथ में करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से चल रही जलापूर्ति योजना छह साल से अधूरी पड़ी है, इससे करीब 21 हजार की आबादी को शुद्ध पेयजल मिलना था. वर्ष 2019 में राज्य योजना अंतर्गत बासुकिनाथ नगर पंचायत की 57.77 करोड़ रुपये की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त बासुकिनाथ शहरी जलापूर्ति योजना एवं 42.15 करोड़ रुपये की लागत पर मयूराक्षी नदी में दो बियर निर्माण अर्थात कुल 99.92 करोड़ रुपये की योजना को प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी थी. नपं क्षेत्र के सरडीहा गांव के समीप इंटेक वेल व डब्ल्यूटीपी (जल शोधन संयंत्र) के निर्माण में प्रक्रिया धीमी है और कुछ स्थानों पर फिल्टर प्लांट टंकी, गरडी एवं बेलगुमा में जलमीनार निर्माण कार्य वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. इसके कारण नगरवासी जल संकट का सामना कर रहे हैं. नपं क्षेत्र के सभी वार्ड क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने का कार्य भी समुचित तरीके से नहीं हो पाया है. वार्ड क्षेत्र में गरीब लोग नल कनेक्शन से वंचित हैं. कार्य में देरी के पीछे ठेकेदारों की शिथिलता, घटिया निर्माण गुणवत्ता और पाइपलाइन का समय से पूरा न होना जैसे कारण हो सकते हैं. इससे जनता को पानी नहीं मिल पा रहा है. करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाली जलापूर्ति योजनाएं भ्रष्टाचार, गलत योजना और तकनीकी खामियों के कारण छह साल से अधूरी पड़ी हैं, जिससे लोगों को पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है. फाउंडेशन और टंकी के कुछ हिस्से का निर्माण हुआ. कुछ मोहल्लों में पाइप लाइन भी बिछायी गयी. एक कंपनी को करीब 100 करोड़ रुपये की लागत वाली नपं बासुकिनाथ के सभी बारह वार्ड क्षेत्रों में जलापूर्ति योजना का काम दिया गया था, लेकिन काम अभी 60 प्रतिशत ही पूरा हुआ है. 100 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुई जलापूर्ति योजना में करीब 25 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाकर 6 हजार घरों तक पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था होनी थी. वह छह वर्ष बाद भी अधूरी है. इस योजना से दो नयी और 2 पुरानी पानी टंकियों के माध्यम से 12 वार्ड क्षेत्र में जलापूर्ति की जानी है. कार्य की धीमी गति और विभागीय लापरवाही के कारण लोग नल से शुद्ध जल के लिए तरस रहे हैं.
कहती है एजेंसी :
नगर पंचायत बासुकिनाथ शहरी जलापूर्ति योजना 55 करोड़ की लागत से नगर विकास विभाग, जूडको, रांची द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है, रांची के उर्मिला आरसीपी को कार्य कराने की जिम्मेदारी दी गयी है. वर्ष 2020 में कार्य शुरू हुआ था. कार्यकारी एजेंसी के रीतेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि दो टंकी बनाने का काम अधूरा है. एनएच से एनओसी नहीं मिलने के कारण कार्य पूरा कराने में देरी हो रही है. पाइपलाइन बिछाने का कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है. जल संसाधन विभाग द्वारा हरिपुर में 16 करोड़ एवं 18 करोड़ कुल 34 करोड़ रुपये की लागत से बियर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. बताया कि एनओसी मिलते ही 7-8 महीना में कार्य पूरा कर नगर पंचायत में जलापूर्ति शुरू करा दी जायेगी. एनओसी को लेकर नगर विकास विभाग को भी लिखा गया है.
कहते हैं अधिकारी :
बासुकिनाथ शहरी जलापूर्ति योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, संबंधित अधिकारी से इस संबंध में बातचीत हुई है, एनएच द्वारा एनओसी नहीं मिलने के कारण कार्य बंद है, पाइपलाइन का काम एनएच पर ही होना है. संबंधित अधिकारी से बात कर कार्य शुरू करवाने की दिशा में त्वरित पहल की जायेगी
– सागेन मरांडी, कार्यपालक पदाधिकारी, नपं बासुकिनाथ B
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