दुमका. जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र के मंझला सरुवापानी में ग्रामीणों द्वारा मोटरसाइकिल चालक को पांच दिनों से बंधक बनाकर रखे जाने का मामला प्रकाश में आया है. गंभीर रूप से घायल 16वर्षीय युवक सुनील हांसदा की मौत बुधवार को फूलो-झानो मेडिकल अस्पताल दुमका में इलाज के दौरान हो गयी. शुक्रवार को ग्रामीणों ने प्रशासन को बिना जानकारी दिये बिना पोस्टमार्टम किये शव को दफना दिया है. जानकारी के अनुसार सोमवार 29 सितंबर को काठीकुंड थाना क्षेत्र के बड़ा चापुड़िया पंचायत के मुरगुजा हटिया से लौटते समय रामगढ़ प्रखंड के बारगो गांव के जितन टुडु ने मंझला सरुवापानी गांव के शंकर हांसदा के बेटे सुनील हांसदा को मोटरसाइकिल से टक्कर मार दी थी, जिससे सुनील हांसदा गंभीर रूप से घायल हो गया था. परिजन घटना के दिन यानि सोमवार को युवक को इलाज कराने अस्पताल नहीं ले गये. दूसरे दिन यानी मंगलवार को इलाज कराने दुमका लेकर चले गये, जहां इलाज के दौरान बुधवार को युवक की मौत हो गयी. परिजन प्रशासन को बिना जानकारी दिए शव बुधवार को गांव लेकर चले गये और गांव में आरोपी को बंधक बनाकर रखा. उसके परिजनों के साथ बैठकर मुआवजा की मांग को लेकर तीन दिनों तक फैसला होता रहा. अंततः शुक्रवार को आरोपी युवक को 80 हज़ार रुपए मुआवजा देने के लिए फरमान सुनाया गया. आरोपी के परिजनों द्वारा मुआवजा की राशि जमा नहीं करने के कारण आरोपी युवक जीतन टुडू को मंझला सरुवापानी गांव में बंधक बनाकर कर रखा गया है. इधर, इस मामले में बिछिया पहाड़ी के मुखिया प्रतिनिधि छोटू मुर्मू ने बताया कि शव को दफना दिया गया है. आरोपी युवक को परिजनों को सौंप देने के लिए निर्देश दे दिए हैं. काठीकुंड थाना प्रभारी त्रिपुरारी कुमार ने बताया कि प्रशासन को इस मामले की जानकारी नहीं दी गयी है. इस मामले में संज्ञान में लेकर जांच की जायेगी.
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