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किसानों में जगी उम्मीद, सिंचाई की बढ़ेंगी सुविधाएं

मयुराक्षी बायांतट मुख्य नहर के तीन शाखा नहरों के पक्कीकरण का खुला टेंडर

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मयुराक्षी बायांतट मुख्य नहर के तीन शाखा नहरों के पक्कीकरण का खुला टेंडर तीन दशक की प्रतीक्षा खत्म होने की उम्मीद प्रतिनिधि, रानीश्वर मयूराक्षी बायांतट मुख्य नहर से निकली आठ शाखा नहरों में से तीन पाटजोड़, रानीश्वर और हरिपुर शाखा नहरों के पक्कीकरण को लेकर निकाले गये टेंडर के खुलने से क्षेत्र के किसानों में लंबे अरसे बाद उम्मीद की किरण जगी है. किसानों का मानना है कि यदि यह कार्य समय पर पूरा होता है तो वर्षों से सूखे पड़े खेतों तक भी नहर का पानी पहुंचेगा और वे खरीफ के साथ-साथ रबी और गरमा फसलें भी आसानी से उगा सकेंगे. लंबे समय से किसान शाखा नहरों के पक्कीकरण की मांग कर रहे थे, ताकि पानी अंतिम छोर तक आसानी से पहुंच सके. सिंचाई विभाग द्वारा अब इस दिशा में कदम उठाते हुए इन तीन नहरों के पक्कीकरण के लिए टेंडर खोला गया है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में लगभग एक महीने का समय लग सकता है, जिसके बाद चयनित संवेदक को कार्य आवंटित कर दिया जायेगा. पक्कीकरण कार्य की प्रतीक्षा में छोड़ी खेती इन नहरों से सिंचित गांवों के किसानों ने इस बार गरमा धान की खेती नहीं की है, क्योंकि उन्हें यह स्पष्ट नहीं था कि कब तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो पाएगी. हरिपुर, कितुड़ी, जामग्राम, लकड़ाघाटी, निझुरी, कुकड़ीभाषा और नांदना जैसे गांवों के किसान असमंजस की स्थिति में रहे. किसानों का क्या है कहना पाटजोड़ शाखा नहर के तहत तोकीपुर, सुखजोड़ा, महेषखाला, मेटेलकुंदा, कुलुबांदी और पाटजोड़ गांवों में करीब तीन दशक से पानी नहीं पहुंच पा रहा था. अब पक्कीकरण से उम्मीद है कि खेतों में पानी पहुंचेगा और साल में दो से तीन फसलें ली जा सकेंगी. विजय टुडू, तोकीपुर रानीश्वर शाखा नहर के पक्कीकरण की खबर के बाद जब विभाग ने गरमा धान के लिए सिंचाई नहीं होने की बात कही, तो हमने इस बार खेती नहीं की. मेरे 12 बीघा खेत खाली पड़े हैं. हालांकि अभी तक कुछ हद तक सिंचाई जारी है, लेकिन हम अनिश्चितता में हैं. सुभाष चंद्र घोष, निझुरी शिबु पद राय, बड़घाटा के किसान ने कहा, तीनों शाखा नहरों का पक्कीकरण होना बड़ी राहत की बात है. इससे न सिर्फ पानी की बर्बादी रुकेगी, बल्कि अंतिम छोर तक भी पानी पहुंचेगा. इससे हम साल में कई बार खेती कर सकेंगे. तकनीकी प्रक्रिया जारी पाटजोड़, हरिपुर और रानीश्वर शाखा नहरों के पक्कीकरण हेतु आमंत्रित किए गए टेंडर खोल दिये गये हैं. अब तकनीकी बोली (टेक्निकल बिड) की जांच होगी, फिर वित्तीय बोली (फाइनेंशियल बिड) खोली जायेगी. इसके बाद संवेदक को कार्य आवंटित कर नहरों के पक्कीकरण का कार्य शुरू किया जायेगा. रवींद्र मुर्मू, सहायक अभियंता — मयुराक्षी बायांतट मुख्य नहर से निकाले गए आठ शाखा नहरों में से तीन शाखा नहरों का पक्कीकरण हेतु टेंडर खुलने से किसानों में उम्मीद जगी है कि अब नहर के अंतिम छोर तक यानी उनके खेतों तक नहर का पानी पहुंचाया जा सकेगा. लंबे समय से नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए किसानों द्वारा शाखा नहरों के पक्कीकरण की मांग की जा रही है. फिलहाल रानीश्वर,पाटजोड़ व हरिपुर शाखा नहरों का पक्कीकरण हेतु सिंचाई विभाग की ओर से निकाले गए टेंडर खोले जा चुके हैं. जानकारी के अनुसार टेंडर की प्रक्रिया समाप्त होने में करीब एक महीने का समय लग सकता है. उसके बाद किन संवेदक को काम मिलेगा यह तय होगा. उसके बाद शाखा नहर पक्कीकरण कार्य शुरू किया जायेगा. शाखा नहरों की पक्कीकरण होने की खबर से संबंधित शाखा नहरों के सिंचित इलाके के किसानों ने गरमा धान की खेती भी नहीं की है. हालांकि सिंचाई विभाग की ओर से यह सुनिश्चित नहीं किया जा सका था कि टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते मई महीना तक का समय लग सकता है. जिन शाखा नहरों का पक्कीकरण होगा सिंचाई विभाग की ओर से किसानों के साथ बैठक कर उन शाखा नहरों में 15 फरवरी तक सिंचाई उपलब्ध कराये जाने का आश्वासन दिया गया था. और अन्य शाखा नहरों में जून महीने तक सिंचाई उपलब्ध कराये जाने की बात कही गई थी. टेंडर की प्रक्रिया अनिश्चित होने के कारण पाटजोड़, हरिपुर व रानीश्वर शाखा नहरों के सिंचित इलाके के विभिन्न गांवों के किसानों ने इस बार गरमा धान की खेती नहीं की है. हरिपुर, कितुड़ी, जामग्राम, लकड़ाघाटी, निझुरी, कुकड़ीभाषा, नांदना आदि गांवों के किसान असमंजस की स्थिति में रह गये थे. ==================== पाटजोड़ शाखा नहर के अंतर्गत तोकीपुर,सुखजोड़ा, महेषखाला,मेटेलकुंदा,कुलुबांदी,पाटजोड़ आदि गांवों तक करीब तीन दशक से नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है. शाखा नहर पक्कीकरण होने से अब खेतों तक पानी पहुंचने की उम्मीद है. खरीफ के साथ साथ रबी खेती भी कर सकेंगे. विजय टुडू, किसान सह विस्थापित,तोकीपुर रानीश्वर शाखा नहर पक्कीकरण होने की खबर सुनकर तथा सिंचाई विभाग की ओर से इस बार गरमा धान की खेती के लिए सिंचाई उपलब्ध नहीं कराये जाने की बात कहे जाने पर इस बार गरमा धान की खेती नहीं कर सके. हालांकि नहर में अभी तक सिंचाई उपलब्ध कराया जा रहा है. असमंजस की स्थिति में 12 बीघा खेत खाली पड़ा रह गया. सुभाष चंद्र घोष, किसान, निझुरी हरिपुर सहित अन्य तीन शाखा नहरों का पक्कीकरण हेतु टेंडर खोला गया है. यह खुशी की बात है. अब हम किसानों में उम्मीद जगी है कि नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंच सकेगा. नहर के पानी से साल में दो तीन बार खेती कर सकेंगे. शाखा नहर पक्कीकरण होने से नहर का पानी भी कम बरबाद होगा और पानी अंतिम छोर तक पहुंचायी जा सकेगी. शिबु पद राय, किसान, बड़घाटा मयुराक्षी बायांतट मुख्य नहर के पाटजोड़, हरिपुर व रानीश्वर शाखा नहर का पक्कीकरण हेतु आमंत्रित किए गए टेंडर खुल चुके हैं. अब प्रकिया के तहत टेक्निकल बिड ओपन होगा उसके बाद फिनांसियल बिड ओपन होने के बाद संवेदक को कार्य आवंटित होगा. इसके बाद नहर पक्कीकरण का कार्य शुरू होगा. रवींद्र मुर्मू,सहायक अभियंता, सिंचाई अवर प्रमंडल रांगालिया

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