दुमका. भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग द्वारा संचालित आपकी पूंजी-आपका अधिकार राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को आरसेटी जामा में एक व्यापक जागरूकता एवं सेवा शिविर का सफल आयोजन किया गया. इस विशेष शिविर का मुख्य उद्देश्य जिले के नागरिकों को अनक्लेम्ड फिनांसिएल एसेट्स की खोज, सत्यापन एवं दावा निपटान प्रक्रिया से अवगत कराना एवं उन्हें उनका वैध धन प्राप्त कराने में सहायता प्रदान करना था. अभियान की अवधि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 के बीच संचालित की जा रही है. इसी क्रम में दुमका जिले में अब तक 2.75 करोड़ रुपये की अदावाकृत राशि का सफलतापूर्वक निपटान किया जा चुका है, जो जिले के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. शिविर में 90 से अधिक नागरिकों एवं खाताधारियों ने भाग लिया. प्रतिभागियों को उनकी अदावाकृत जमाओं एवं अन्य दावों से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गयी, जिन लाभार्थियों के दावे निपटान किए गए. उन्हें मौके पर ही दावा निपटान प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. जिले के विभिन्न बैंकों द्वारा लगाए गए स्टॉलों पर उपस्थित नागरिकों को उनकी अदावाकृत संपत्तियों की स्थिति जांचने, दावा दायर करने की प्रक्रिया समझने तथा आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी प्राप्त करने में सीधी मदद मिली. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रशिक्षु आईएएस नाजिश उमर अंसारी उपस्थित रहे. उन्होंने कहा कि यह अभियान नागरिकों को उनके वित्तीय अधिकारों से जोड़ रहा है और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से इंडियन बैंक के मंडलीय कार्यालय देवघर के मुख्य प्रबंधक उदय कुमार पाण्डेय, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, रीजन-1 की क्षेत्रीय प्रबंधक निशि प्रभा, एलआईसी दुमका शाखा के प्रबंधक संतोष कुमार, आरसेटी जामा के निदेशक एम्मेनुएल आशीष अनुराग सहित जिला समन्वयक एवं बड़ी संख्या में खाताधारी उपस्थित थे. अग्रणी जिला प्रबंधक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि दुमका जिले के 12 बैंकों में कुल 77,734 अनक्लेम्ड खाते हैं, जिनमें 31 अगस्त 2025 तक 36.75 करोड़ रुपये की राशि जमा है. उन्होंने कहा कि इन खातों के त्वरित एवं पारदर्शी निपटान हेतु बैंक एवं विभाग मिलकर प्रक्रिया को सरल एवं तेज बनाने के लिए निरंतर कार्यरत हैं. शिविर के दौरान बैंक अधिकारियों ने नागरिकों को डिपोजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड, अप्रचालित खातों से संबंधित नियमों, जमा राशि की सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों, अनक्लेम्ड एसेट्स की खोज एवं क्लेम फाइलिंग की प्रक्रिया तथा उपभोक्ता अधिकारों की विस्तृत जानकारी प्रदान की. इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक उदय कुमार पाण्डेय ने इस पहल को नागरिक सशक्तिकरण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि सरकारी खातों में भी बड़ी मात्रा में अनक्लेम्ड राशि जमा है, जिसे संबंधित विभागों के सहयोग से प्राथमिकता के आधार पर क्लेम कर वापस कराया जाना चाहिए. उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे अपने ऐसे अनक्लेम्ड खातों की जानकारी प्राप्त करें तथा आवश्यक दस्तावेजों आधार, पैन आदि के साथ निकटतम बैंक शाखा से संपर्क कर अपना दावा शीघ्र निपटाएं.
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