बूचड़खाने के बंद होने से आया बदलाव
Advertisement
पहले मुर्गा बेचता था,अब बेच रहा फल
बूचड़खाने के बंद होने से आया बदलाव दुमका नगर : अवैध बूचड़खाने पर प्रतिबंध लगने के बाद उपराजधानी में कई स्थानों पर मीट-चिकेन के कारोबारियों ने अपना धंधा बदलना शुरू कर दिया है. शहर के राखाबनी निवासी मिठू यादव ने भी अब अपना धंधा बदल लिया. मिठू पहले मुर्गा बेचता था, अब फल बेच रहा […]
दुमका नगर : अवैध बूचड़खाने पर प्रतिबंध लगने के बाद उपराजधानी में कई स्थानों पर मीट-चिकेन के कारोबारियों ने अपना धंधा बदलना शुरू कर दिया है. शहर के राखाबनी निवासी मिठू यादव ने भी अब अपना धंधा बदल लिया. मिठू पहले मुर्गा बेचता था, अब फल बेच रहा है. मिठू ने 2016 में मुर्गा की दुकान खोली थी और उसमें अच्छी आमदनी भी हो रही थी. मिठू का दुकान मुहल्ले में ही था. मिठू ने बताया कि दुकान में मुहल्ले के अलावा दूर दराज से भी लोग मुर्गा खरीदने के लिए आते थे. परंतु सरकार के फरमान के बाद दुकान को बंद कर देना पड़ा और उसी जगह फल की दुकान खोल दी. मुर्गा की अच्छी बिक्री होती थी.
रोजाना करीब 60 से 70 किलो मुर्गा बिक जाता था और कमाई भी अच्छी हो जाती थी, पर राखाबनी में फल का दुकान पहला है. मुर्गा बेचकर जितना कमाता था, उतनी तो आमदनी नहीं हो रही, पर उससे भी वह संतुष्ट है. मिठू सरकार के फैसले का समर्थन ही करता है. वह कहता है कि अगर सरकार किसी खास जगह को मुर्गा-मछली बेचने के लिए तय कर दें, तो वह अनुमति लेकर फिर से इस कारोबार को करना चाहेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement