रानीश्वर: रानीश्वर के सिंचित इलाके के किसानों के साथ सिंचाई विभाग के अभियंताओं की होने वाली बैठक की परिपाटी खत्म हो चुकी है.
लगभग एक-डेढ़ दशक से सिंचाई विभाग ने किसानों की न तो राय जानने की कोशिश ही की है और न ही समस्याओं को जानने का ही कोई प्रयास किया है. झारखंड अलग राज्य बनने के पहले प्रतिवर्ष रबी एवं गरमा धान की खेती के पहले सदर प्रखंड के रानीबहाल एवं रानीश्वर के विभिन्न पंचायतों के किसानों के साथ सिंचाई विभाग के अभियंता बैठक किया करते थे.
बैठक में रबी खेती तथा गरमा धान की खेती के लिए किसानों को नहर से पटवन की आवश्यकता जान कर सिंचाई विभाग उन सुझावों पर अमल करता था. उन्हीं सुझावों के आधार पर नहर से पानी छोड़ा जाता था. पिछले 13-14 सालों से किसानों के साथ सिंचाई विभाग ने कोई कारगर बैठक नहीं की है. यही वजह है कि नहर से पानी लेने के लिए किसानों को दवाब बनाना पड़ता है. विभाग के अधिकारियों का दरवाजा खटखटाना पड़ता है.