प्रतिनिधि,काठीकुंडकृषि प्रौद्योगिकी अभिकरण दुमका से प्रखंड तकनीकी प्रबंधक पवन कापरी ने भिटरा व धावाटाड़ गांव में प्रत्यक्ष प्लांट पर प्रक्षेत्र दिवास व फसल कटिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. विशेषज्ञ पंकज कुमार दास ने बताया कि श्रीविधि से उपज प्रति हेक्टेयर 58 क्विटंल हुई. वहीं परंपरागत खेती से उपज 48 क्विंटल देखी गयी. बीटीएम ने बताया कि काठीकुंड द्वारा एस डब्ल्यूआई गेहूं की श्री विधि खेती करने के लिए एक एकड़ में मात्र 10 किलोग्राम बीज की जरूरत होगी. गेहूं के बीज बोने का समय 15 नवंबर से 10 जनवरी के बीच उपयुक्त होता है. किसी कारणवश धान की फसल काटने में विलंब हो जाती है तो उस खेत में हल्की सिंचाई कर जीरो टील सोईंग कर खेत जोत सकते हैं. फसल की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बीजोपचार को पौध संरक्षण केंद्र के प्रभारी हिरण्य कुमार ने आवश्यक बताया.——————–फोटो 19 डीएमके काठीकुंडप्रक्षेत्र दिवस पर मौजूद कृषक
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ओके ::: श्रीविधि से होगी 58 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज
प्रतिनिधि,काठीकुंडकृषि प्रौद्योगिकी अभिकरण दुमका से प्रखंड तकनीकी प्रबंधक पवन कापरी ने भिटरा व धावाटाड़ गांव में प्रत्यक्ष प्लांट पर प्रक्षेत्र दिवास व फसल कटिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. विशेषज्ञ पंकज कुमार दास ने बताया कि श्रीविधि से उपज प्रति हेक्टेयर 58 क्विटंल हुई. वहीं परंपरागत खेती से उपज 48 क्विंटल देखी गयी. बीटीएम ने […]
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