जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में हृदय की पीड़ित मरीजों के इलाज की सुविधा नहीं है. इमरजेंसी स्थित लावारिस वार्ड में भर्ती 78 वर्षीय बुजुर्ग ठाकुर प्रसाद साव हृदय रोग से पीड़ित हैं. वह दुमका के रहने वाले हैं. परिवार में कोई नहीं हैं. लंबे समय से धनबाद स्टेशन रोड में रहकर वे मजदूरी करते थे. 25 अप्रैल को अचानक वह बेहोश होकर गिर गये. स्टेशन रोड के दुकानदारों ने उन्हें 108 एंबुलेंस से एसएनएमएमसीएच भेजा, लेकिन परिवार का कोई सदस्य नहीं होने के कारण उन्हें लावारिस वार्ड में भर्ती करा दिया गया. शुरुआती जांच में उन्हें हृदय की बीमारी होने की जानकारी हुई. चिकित्सकों ने उन्हें मेमोग्राफी व अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी है. लेकिन अस्पताल में दोनों ही जांच की व्यवस्था नहीं है. निजी केंद्र में जांच के लिए सात से आठ हजार रुपये की जरूरत है. लेकिन जांच कराने के लिए उनके पास पैसे नहीं है. ऐसे में उनका इलाज नहीं हो पा रहा है.
बतायी पीड़ा- जांच नहीं कराने पर चिकित्सक देखने भी नहीं आते :
ठाकुर प्रसाद साव ने रोते हुए अपनी पीड़ा बतायी. उन्होंने कहा कि 15 वर्षों से स्टेशन रोड में मजदूरी कर भोजन-पानी की व्यवस्था करते थे. उनके पास फिलहाल सौ रुपये भी नहीं है. ऐसे में जांच कहां से करायें. अस्पताल में दोनों ही तरह की जांच नहीं होती. ऐसे में कहां जायें. जांच नहीं कराने पर चिकित्सक उन्हें देखने तक नहीं आते हैं.अस्पताल में हृदय के इलाज की नहीं है व्यवस्था :
वर्तमान में एसएनएमएमसीएच में हृदय की बीमारी के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. चिकित्सकों के अलावा विभिन्न तरह की जांच के लिए मशीनें अस्पताल में नहीं हैं. हृदय रोग के शुरुआती स्टेज के मरीजों का इलाज मेडिसिन के चिकित्सकों द्वारा किया जाता है.बाहर से मरीज की जांच कर कराया जायेगा इलाज :
मामले की जानकारी ले रहे हैं. अस्पताल में जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो बाहर से जांच करा मरीज का इलाज शुरू किया जायेगा. मरीज को आयुष्मान से निबंधित कर नि:शुल्क दवा समेत अन्य लाभ प्रदान किया जायेगा.डॉ चंद्रशेखर सुमन,
वरीय अस्पताल प्रबंधक, एसएनएमएमसीएचडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है