National Lok Adalat: नालसा के निर्देश पर वर्ष 2025 के दूसरे नेशनल लोक अदालत में एक अरब 15 करोड़ 13 लाख 68 हजार 446 रुपये की रिकवरी कर कुल तीन लाख 47 हजार 692 विवादों का निबटारा कर दिया गया. वहीं दुर्घटना में पति की मौत के बाद बेसहारा हुई ब्रिजमणी शर्मा को 99 लाख रुपये मुआवजा का चेक सौंपा गया. चेक मिलने के बाद ब्रिजमणी काफी भावुक हो गयीं. कहा कि डालसा ने उन्हें एक नया जीवन दिया है. इसके पूर्व नेशनल लोक अदालत का ऑनलाइन उद्घाटन शनिवार को रांची झालसा से न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने किया. वहीं धनबाद में प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन वीरेंद्र कुमार तिवारी ने किया.
संविधान सभी को न्याय की गारंटी देता है : जस्टिस तिवारी
मौके पर न्यायाधीश श्री तिवारी ने कहा कि नेशनल लोक अदालत संविधान की परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है, हर तीन माह में यह आयोजन किया जा रहा है. हमारा संविधान हर लोगों को सामाजिक, आर्थिक व सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है. अपर समाहर्ता विनोद कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं. बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते.
लोक अदालत के जरिये हो रहा मुकदमों का निष्पादन
सिटी एसपी अजीत कुमार ने कहा कि महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से लोक अदालत बचाता है. इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है. साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है. अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार मयंक तुषार टोपनो ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है. मंच का संचालन एलएडीसीएस के सुमन पाठक एवं मुस्कान ने किया.
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3 लाख 47 हजार 692 विवादों का निबटारा
अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार मयंक तुषार टोपनो ने बताया कि विवादों व मुकदमों के निबटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 14 बेंच का गठन किया गया था. इनके द्वारा विभिन्न तरह के तीन लाख 47 हजार 692 सुलहनीय विवादों का निबटारा किया गया. इसमें तीन लाख 12 हजार 632 प्रिलेटिगेशन मामले थे. वहीं 35 हजार 68 विभिन्न तरह के लंबित मुकदमे निष्पादित किये गये. न्यायाधीश ने बताया कि शुभम सिंह को रेस्टोरेंट चलाने के लिए 50 लाख रुपये का लोन मौके पर दिलवाया गया. मुर्गी पालन के लिए बबीता देवी को 20 लाख का लोन का चेक, मां इलेक्ट्रॉनिक्स को 10 लाख रुपये के लोन विवाद को मौके पर निबटा दिया गया. दो दिव्यांगों को मौके पर ही ट्राइसाइकिल दिव्यांग प्रमाण पत्र व स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिया गया. वहीं चार बच्चों को जिनके माता पिता नहीं थे, उन्हें स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़कर उन्हें पढ़ाई लिखाई के लिए मिलने वाली चार हजार रुपये की राशि का चेक प्रदान किया गया.
ये थे मौजूद
न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुभाष, जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी, पारस कुमार सिन्हा, कुमार साकेत, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पार्थ सारथी घोष, अवर न्यायाधीश एंजेलीना जोन, राजीव कुमार सिंह, शमा रोशनी कुलु, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिजीत पांडेय, रजिस्ट्रार आइजेड खान, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ऋषि कुमार, मनोज कुमार, विवेक राज, स्थायी लोक अदालत के चेयरमैन पीयूष कुमार, सर्टिफिकेट ऑफिसर रवींद्रनाथ ठाकुर, उपभोक्ता फोरम की सदस्य शिप्रा समेत एलएडीसएस के चीफ कुमार विमिलेंदु, डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, सहायक नीरज गोयल, कन्हैयालाल ठाकुर, शैलेंद्र झा, सुमन पाठक, मुस्कान चोपड़ा, स्वाति कुमारी आदि मौजूद थे.
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