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सतर्कता ही साइबर अपराध से सुरक्षा की कुंजी, धनबाद में बोले डीएसपी संजीव कुमार

Dhanbad News: धनबाद के साइबर डीएसपी संजीव कुमार ने स्टूडेंट्स से कहा है कि सतर्कता ही साइबर अपराध से सुरक्षा की कुंजी है. कुछ चीजों का ध्यान रखेंगे, तो साइबर क्रिमिनल्स के झांसे में नहीं आयेंगे. उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग से भी बचकर रहने की सलाह दी.

Dhanbad News: साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए प्रभात खबर द्वारा चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान का कारवां सोमवार को गुरुनानक कॉलेज, धनबाद पहुंचा. यहां विद्यार्थियों और शिक्षकों को साइबर सुरक्षा और बचाव के उपायों की जानकारी दी गयी. धनबाद पुलिस द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम में साइबर डीएसपी संजीव कुमार मुख्य अतिथि और जीएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय प्रसाद और धनबाद साइबर थाना प्रभारी अक्षय कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. इस मौके पर डीएसपी संजीव कुमार और धनबाद साइबर थाना प्रभारी अक्षय कुमार ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की. कार्यक्रम के अंत में कॉलेज के कॉमर्स विभाग के शिक्षक प्रो संजय सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम में कॉलेज के सभी शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी के साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थी भी उपस्थित रहे.

गेमिंग में हार और जीत दोनों में परेशानी

कार्यक्रम में साइबर डीएसपी संजीव कुमार ने विद्यार्थियों को आगाह करते हुए कहा कि इंटरनेट वर्ल्ड में सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी है. उन्होंने बताया युवाओं में ऑनलाइन गेम काफी लोकप्रिय है. वह इस पर काफी समय देते हैं. लेकिन वह यह नहीं जानते हैं कि ऑनलाइन गेम साइबर अपराधियों का मायाजाल है. इसमें हारे, तो भी परेशानी है और जीते, तो भी परेशानी है. हारने की सूरत में वह एक बड़ी राशि गवां देते हैं. वहीं अगर वह कहीं जीत जाते हैं, तो जो पैसा उन्हें मिलता है, वह साइबर अपराधियों की होती है. बैंक अकाउंट में यह पैसा आते ही अकाउंट फ्रीज हो जाता है.

साइबर डीएसपी ने इसके साथ ही विद्यार्थियों को यह भी जानकारी दी कि अगर वह साइबर अपराध के शिकार हो जायें, तो क्या करें. उन्होंने बताया कि साइबर अपराध से जुड़ी शिकायत के लिए फौरन साइबर अपराध के लिए टोल फ्री 1930 पर कॉल करें. इससे लाभ यह होगा कि चंद मिनटों में कार्रवाई शुरू हो जायेगी. गबन की राशि तुरंत ब्लॉक कर दी जायेगी. या फिर तुरंत ही इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी दर्ज करा दें. इसके बाद अपने शहर के साइबर थाना में इसकी शिकायत दर्ज करा दें.

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समझदारों की नामसमझी से होता है साइबर फ्रॉड

धनबाद साइबर थाना प्रभारी अक्षय कुमार ने विद्यार्थियों को साइबर अपराधियों की चालाक रणनीतियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि समझदार लोग ही अपनी नासमझी की वजह से साइबर फ्रॉड के सबसे अधिक शिकार होते हैं. ऐसे लोग साइबर अपराधियों के सबसे बड़े जाल ‘डर या लालच’ में आसानी से फंस जाते हैं. उन्होंने उदाहरण के साथ बताया कि कैसे पढ़े लिखे लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हो कर करोड़ों रुपये गवां चुके हैं. उन्होंने विद्यार्थियों को अनजान लिंक, अज्ञात कॉल, फर्जी ईमेल और डिजिटल निमंत्रण कार्ड डाउनलोड करने से बचने की सलाह दी.

साइबर अपराध के 3 माध्यमों से बचने की सलाह

  • विशिंग : यह साइबर अपराध का आसान तरीका है, जिसमें फ्रॉड करने वाले ऐसे फोन नंबर का इस्तेमाल करते हैं जिसका लोकल एरिया कोड हो. ऐसे फोन नंबर किसी कंपनी या सरकारी एजेंसी के फोन कोड से मिलते-जुलते हैं. टेक्स्ट मैसेज के सहारे अपराध को अंजाम दिया जाता है. मैसेज में बताया जाता है कि बैंक, बिजनेस या सरकारी एजेंसी की तरफ से पूछताछ की जा रही है.
  • फिशिंग : यह ऐसा तरीका है, जिसमें साइबर अपराधी ई-मेल या लिंक का सहारा लेते हैं. इसमें मैलवेयर जुड़ा होता है. इस लिंक पर क्लिक करते ही आपकी सारी जानकारी फ्रॉड करने वाले के पास चली जाती है. इससे बचने का आसान तरीका है कि संदिग्ध ई-मेल का एड्रेस ठीक से चेक करें. ऐसे मेल में स्पेलिंग की कुछ गलतियां होती हैं, जिसे पकड़ने की जरूरत होती है.
  • स्वैपिंग : यह एक तरह से पहचान चोरी का मामला होता है. इसमें साइबर अपराधी या लिंक के माध्यम से आपके मोबाइल से कनेक्ट हो जाते हैं और आपकी निजी जानकारी चुरा लेते हैं. इससे बचाव का एक मात्र तरीका है कि किसी से फोन पर ओटीपी साझा नहीं करें. या अंजान लिंक को नहीं खोलें.

बच्चों के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता जरूरी

गुरुनानक कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार ने प्रभात खबर द्वारा चलाये जा रहे इस जन जागरूकता अभियान की सराहना करते हुए कहा कि आज के दौर में साइबर अपराधियों के निशाने पर हर कोई है. थोड़ी-सी लापरवाही किसी को भी साइबर ठगी का शिकार बना सकती है, इसलिए विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा की जानकारी देना बेहद जरूरी है.

अभियान का उद्देश्य और भविष्य की योजना

कार्यक्रम के दौरान प्रभात खबर के संपादक जीवेश रंजन सिंह ने अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस पहल का मकसद किशोरों और युवाओं को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में सतर्क और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार अपनाना बेहद आवश्यक है.

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