धनबाद : गर्मी ने बिजली विभाग के पसीने छुड़ा दिये हैं. गांव से लेकर शहर तक बिजली की मांग में रिकार्ड इजाफा हुआ है. अप्रैल के मुकाबले मई में अभी तक पांच मेगावाट का अतिरिक्त लोड बढ़ गया है. पूरी बिजली न मिलने की वजह से मुश्किलें बढ़ गयी है. परिणाम कि शहरों में एक से दो घंटे अतिरक्ति आपात कटौती हो रही है.
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बिजली की बढ़ी है खपत विभाग के छूट रहे पसीने
धनबाद : गर्मी ने बिजली विभाग के पसीने छुड़ा दिये हैं. गांव से लेकर शहर तक बिजली की मांग में रिकार्ड इजाफा हुआ है. अप्रैल के मुकाबले मई में अभी तक पांच मेगावाट का अतिरिक्त लोड बढ़ गया है. पूरी बिजली न मिलने की वजह से मुश्किलें बढ़ गयी है. परिणाम कि शहरों में एक […]
बिजली संकट से लोग परेशान : बिजली की अापात कटौती का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. कब किस इलाके की बिजली गुल हो जाये, इसकी जानकारी देने का कोई सिस्टम ही नहीं है. दिन रहे या रात, बिजली गुल होने का सिलसिला चलता रहता है. उपर से खराबियों को दूर करने में अलग से बिजली बंद की जा रही है. 24 घंटे में 18 से 20 घंटे बिजली मिल रही है.
जरूरत भर नहीं मिल रही बिजली : हालात को देखते शहर से लेकर गांव तक के फीडर को पूरी क्षमता पर चलाने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन फीडर की क्षमता से अधिक लोड पड़ते ही बंद करना पड़ रहा है. लाइन बंद करना मजबूरी हो गयी है. इससे अधिक लोड लेने पर 33 हजार वोल्ट लाइन बंद करना पड़ता है या फिर डीवीसी की ओर से लोड घटाने के लिए बिजली बंद कर दी जाती है.
300 मेगावाट से अधिक खपत : गर्मी बढ़ने की वजह से मांग 300 मेगावाट से ऊपर पहुंच गयी है. यह खपत धनबाद, गोविंदपुर, निरसा, ग्यारकुंड, केलियासोल, टुंडी व पूर्वी टुंडी की है. अप्रैल से बिजली खपत में इजाफा होना शुरू हो गया था जो आज भी जारी है. अब लोड को मेंटेन करने के लिए बिजली कटौती करना ही बिजली विभाग के पास एक रास्ता बचा है.
235 पर किया जा रहा है मेंटेन : हालांकि नियंत्रण कक्ष के अभियंताओं का दावा है कि मौजूदा समय में मांग और उपलब्धता में बहुत मामूली अंतर है और शहरों में थोड़ी बहुत अतिरक्ति कटौती करके आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त रखने की कोशिश की जा रही है. लेकिन लगता है कि मई में लोड और बढ़ेगा. जहां तक बिजली की उपलब्धता का सवाल है तो इस समय लगभग 235 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
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