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गोपीनाथडीह के सूप और दउरा से छा जाता है कोयलांचल का बाजार, हजारीबाग और बोकारो भी जाते हैं सूप

धनबाद : रविवार से महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुरु हो जायेगा. पर्व की तैयारी अंतिम चरम पर है. शहर के तालाबों की सफाई की जा रही है. बाजार में फल आदि मंगाये जा चुके हैं. लोग छठ पर्व की तैयारी में धूमधाम से जुटे हैं. मगर बिना सूप-दउरा के छठ महापर्व अधूरा है. उक्त […]

धनबाद : रविवार से महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुरु हो जायेगा. पर्व की तैयारी अंतिम चरम पर है. शहर के तालाबों की सफाई की जा रही है. बाजार में फल आदि मंगाये जा चुके हैं. लोग छठ पर्व की तैयारी में धूमधाम से जुटे हैं. मगर बिना सूप-दउरा के छठ महापर्व अधूरा है. उक्त सामग्री को पूरा करते हैं बलियापुर प्रखंड के गोपीनाथडीह गांव के लोग.
धनबाद में वे सूप-दउरा की आपूर्ति करते हैं. गांव में 300 मोहली परिवार हैं. सभी लोग सूप-दउरा बनाते हैं. गांव के लोग बताते हैं कि कि छठ पर्व के समय उनका काम बढ़ा हुआ रहता है. धनबाद शहर के हर बाजार में उनका बनाया हुआ सूप व दउरा बिकता है. हजारीबाग व बोकारो भी निर्मित सामान भेजते हैं.
क्या कहते हैं लोग
हम सालों भर यही काम करते हैं. हमारे पूर्वज यही काम करते आ रहे हैं. इसी से हमारा घर चलता है.
कमली मोहली
सरकार की तरफ से हमें कुछ नहीं दिया जाता है. छठ पूजा में सूप बिकता है, वैसे हम टोकरी आदि बना कर भी बेचते हैं.
नीलमुनी मोहली
नहीं मिलता है उचित दाम
गांव के लोग बताते हैं कि बांस से वह सूप बनाते हैं. एक बांस उन्हें 25 से 30 रुपये में खरीदना पड़ता है. एक बांस से चार या पांच सूप बन सकता है. उन्हें सूप के लिए 30 रुपये मिलते हैं. वहीं व्यवसायी एक सूप 60 से 70 रुपये में बेचते हैं. सरकार भी उनकी कोई मदद नहीं करती है.

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