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पीएमसीएच में मोबाइल की रोशनी में मरीज का इलाज
धनबाद : समय दिन के 3.20 बजे. स्थान पीएमसीएच का इमरजेंसी वार्ड. आधे घंटे में 11 मरीज इमरजेंसी में पहुंचे. तभी इंवर्टर बैठ गया. पूरा परिसर अंधेरे में डूब गया. ऑपरेशन थियेटर में बर्न के मरीज की ड्रेसिंग रुक गयी. मेडिसिन ओटी में भर्ती मरीज की पल्स, बीपी मॉनिटर ने काम करना बंद कर दिया. […]
धनबाद : समय दिन के 3.20 बजे. स्थान पीएमसीएच का इमरजेंसी वार्ड. आधे घंटे में 11 मरीज इमरजेंसी में पहुंचे. तभी इंवर्टर बैठ गया. पूरा परिसर अंधेरे में डूब गया. ऑपरेशन थियेटर में बर्न के मरीज की ड्रेसिंग रुक गयी. मेडिसिन ओटी में भर्ती मरीज की पल्स, बीपी मॉनिटर ने काम करना बंद कर दिया. मरीजों में बेचैनी बढ़ने लगी.
जेनेरेटर के के लिए कर्मियों ने आॅपरेटर को फोन किया. लेकिन 15 मिनट के बाद भी जेनेरेटर की लाइट नहीं आयी. लिहाजा चिकित्सक मोबाइल की रोशनी में ही मरीजों का इलाज करने लगे. कोई चिकित्सक मरीज की पर्ची काटने लगे, तो कोई मरीज का इलाज करने लगे. बुधवार को पीएमसीएच में यह दृश्य देखने को मिला. लगभग 20 मिनट के बाद जेनेरेटर की लाइट आयी. तब तक हर कोई पसीने से तर-बतर था. बिजली संकट व पीएमसीएच की व्यवसथा से हर कोई खिन्न था.
आइसीयू में गेट खोले गये, बेचैन होने लगे मरीज : लाइट कटने का सबसे ज्यादा असर सर्जिकल आइसीयू में भर्ती मरीजों को होने लगा. एसी पैक इस रूम में एक ओर जहां बरवाअड्डा में मिली दुष्कर्म पीड़िता भर्ती है, तो दूसरे ओर कई अत्यंत गंभीर मरीज. आनन-फानन में कर्मियों ने आइसीयू के गेट को खोल दिया. लेकिन अंदर ऊमस बरककार थी. पल्स व बीपी मॉनिटर बंद होने लगे. कुछ देर के लिए चिकित्सक व कर्मी भी लाचार हो गये.
मोबाइल की रोशनी में पर्ची काटी : ओटी में मोबाइल की रोशनी में बर्न के मरीज का बैंडेज हुआ तो मेडिसिन के मरीज का इलाज. पैर टूटे एक मरीज को भी मोबाइल की रोशनी में जांच की गयी. सीनियर से लेकर जूनियर डॉक्टरों को मोबाइल की रोशनी में मरीजों की पर्ची काटनी पड़ी.
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