तीन दिन बाद भी नहीं सुलझ पा रही मौत की गुत्थी
बासुकिनाथ : बासुकिनाथ मंदिर के गर्भगृह में पुरोहित सुमित की मौत की गुत्थी तीन दिन बाद भी नहीं सुलझ पायी है. पोस्टमार्टम में इलेक्ट्रिक से मौत की बात सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक से मौत का कारण बताया गया है. ज्ञात हो कि दुमका में डॉ लखन सोरेने ने पोस्टमार्टम किया है. इधर, सीसीटीवी के वीडियो फुटेज में गर्भगृह में बिजली करंट की बात पर श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी दिख रहा है.
छटपटाते रहे सुमित, श्रद्धालु जान बचाकर बाहर निकले गये : सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, रस्सी के सहारे सुमित कुमार झा खड़ा था, लेकिन श्रद्धालुओं के धक्का के कारण वह नीर निकास रास्ते पर लगा स्टील जाली के उपर गिर गया. वह स्टील जाली के उपर गिर कर छटपटाने लगा. गर्भगृह से श्रद्धालु बिना जान बचाकर बाहर निकल गये. अंत तक पूजारी दिनेश झा वहीं बैठे रहे. विद्युत कनेक्शन कटने के बाद ही वह बाहर निकले. पूजारी दिनेश झा ने बताया : सुमित की मौत बिजली करंट से तड़प कर ही हो गयी. मंदिर के कुछ पंडों ने बिजली मिस्त्री अतुल से गर्भगृह में प्रवाहित बिजली कनेक्शन को कटवाया. इसके बाद पंडों ने गंभीर अवस्था में सुमित को उठाकर बाहर निकाला. यहां सबसे बड़ी बात है कि पंडा उज्जवल झा द्वारा जब गर्भगृह में 9.33 बजे सुबह बिजली करंट प्रवाहित होने को लेकर विद्युत कनेक्शन विच्छेद करवाया गया था तो फिर किसके आदेश से गर्भगृह में विद्युत कनेक्शन दिया गया.
पूर्व सीएम की अनदेखी के कारण हुआ हादसा : निशिकांत
भाजपा के सांसद निशिकांत दूबे ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर देवघर व बासुकिनाथ की अनदेखी का आरोप लगाया है. बासुकिनाथ में पिछले दिनों हुए करंट हादसा में एक पंडा की मौत हो गयी थी. श्री दूबे ने कहा कि देवघर-बासुकिनाथ श्राइन बोर्ड बना हुआ है. इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं. श्राइन बोर्ड देवघर व बासुकिनाथ में आधारभूत संरचना से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए योजना बनाती है और उसे लागू कराती है. पर पिछले तीन साल से दोनों धार्मिक स्थलों पर आधारभूत संरचना पर काम नहीं हुआ है. साल में एक बार श्राइन बोर्ड की बैठक होती भी है, तो केवल खानापूर्ति की जाती है. बासुकिनाथ के गर्भगृह में करंट की समस्या काफी पहले थी. यहां हादसे की आशंका भी कई बार जतायी गयी. पर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. मुख्यमंत्री का भी कई बार इन बातों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया था. पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. श्री दूबे ने कहा कि देवघर में क्यू कॉम्पलेक्स का केवल फेज-1 का काम हुआ है. वह भी केंद्र सरकार ने 40 करोड़ रुपये दिये थे, तब काम हुआ था. राज्य सरकार ने अपनी ओर से एक पैसा भी नहीं लगाया. देवघर का फुट ओवर ब्रिज हिल रहा है. श्राइन बोर्ड की समीक्षा बैठक में भी इस बात को रखा गया. पर कोई काम नहीं हुआ. जबकि किसी भी दिन यहां हादसे की आशंका जतायी जा चुकी है. श्री दूबे ने कहा कि राज्य सरकार को इन दोनों धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान देते हुए आधारभूत संरचना पर काम करना चाहिए. यहां प्रत्येक वर्ष करोड़ों श्रद्धालु आते हैं.
-सीसीटीवी के वीडियो फुटेज में करंट की बात पर अफरा-तफरी का दृश्य आया सामने
-पोस्टमार्टम में इलेक्ट्रिक से मौत की बात : सूत्र