देवघर : देवघर में फर्जी कागजातों पर भूमि की खरीद-बिक्री होती रही है. कुछ साल पूर्व भूमि घोटाला का मामला भी सामने आया, जिसकी सीबीआइ जांच अब भी पूरी नहीं हो सकी है. इसी बीच एक ओर सनसनीखेज मामला सामने आया है. भूमि कारोबारियों ने फर्जी एनओसी पर जसीडीह स्थित एेतिहासिक ढनढनियां कोठी (ढनढनियां ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड) को बेच डाला.
इससे संबंधित वाद सिविल जज द्वितीय के कोर्ट में चल रहा था. कोर्ट द्वारा देवघर अंचल कार्यालय से ढनढनियां कोठी की बिक्री के लिए जारी एनओसी का सत्यापन कराया गया, तब इस मामले का खुलासा हुआ. सत्यापन में देवघर अंचल के सीओ ने कोर्ट को कहा कि 17 जून 2006 को इस जमीन से संबंधित राजकिशोर चौधरी के नाम से कोई एनओसी जारी ही नहीं हुआ है. सीओ के रिपोर्ट के आधार पर सिविल जज द्वितीय ने 21 मार्च 2018 को आदेश जारी करते हुए जसीडीह थाना प्रभारी को मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया है. ढ़ंढ़नियां कोठी की जमीन की अलग-अलग नौ रजिस्ट्री हुई है.
राजकिशोर की एनओसी पर हुई रजिस्ट्री
ढनढनियां कोठी की रजिस्ट्री के लिए राजकिशोर चौधरी, पालोजोरी के नाम से एनओसी निकलवायी गयी थी और अलग-अलग नौ रजिस्ट्री की गयी. ढनढनियां कोठी की जमीन पहले हेमलता राय पति हेमेंद्र कुमार राय की थी. हेमलता को कोई संतान नहीं थी. 08 मई 1957 में हेमलता ने यह संपत्ति ढनढनियां को लिखी. इसके बाद उसकी मौत हो गयी थी, लेकिन वर्ष 1955 का हेमलता राय का डेथ सर्टिफिकेट दिखाते हुए संदीप कुमार राय को दत्तक पुत्र खड़ा किया गया. संदीप से ही राजकिशोर ने पावर ऑफ एटॉर्नी ली, जिस आधार पर ढनढनियां कोठी की एनओसी की मांग अंचल कार्यालय से की. एनओसी अंचल कार्यालय से तो नहीं निकला, लेकिन अंचल कार्यालय की फर्जी एनओसी तैयार कर 24 जुलाई, 2006 को नौ सेल डीड में रजिस्ट्री करा दी गयी. यह राज तब खुला जब एक व्यक्ति ने जमीन बिक्री की एनओसी दिखाने कहा. पता चला जिस एनओसी से ढनढनियां कोठी की बिक्री हुई, वह फर्जी है. ढनढनियां कोठी का एेतिहासिक महत्व है. कांग्रेस के पुराने बड़े नेता वहां आ चुके हैं.
सिविल जज द्वितीय ने अंचल कार्यालय से कराया राजकिशोर चौधरी के नाम से निर्गत एनओसी का सत्यापन
सीओ ने कोर्ट को भेजी रिपोर्ट में कहा राजकिशोर के नाम से 17 जून 2006 को कोई एनओसी ही जारी नहीं हुआ
सिविल जज द्वितीय ने 21 मार्च 2018 को आदेश जारी करते हुए जसीडीह थाना प्रभारी को दिया कार्रवाई का निर्देश
जसीडीह स्थित ढनढनियां कोठी का रहा है पुराना इतिहास