चाईबासा. कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा का दादा-दादी पार्क अपने हाल पर रो रहा है. बंदोबस्ती नहीं होने से देखरेख के अभाव में पार्क वीरान पड़ा है. साफ-सफाई नहीं होने से गंदगी पसरी है. आसपास के लोग सुबह-शाम सैर नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें सुकून के लिए भटकना पड़ रहा है. पूर्व में लोग पार्क में सुबह-शाम मुलायम घास पर सैर के लिए पहुंचते थे. उनके साथ बच्चों की टोलियां पहुंचती थीं. बच्चे पार्क में झूले का आनंद लेते थे. थक जाने पर पार्क में बनीं सीमेंट की कुर्सियों पर सुस्ताते थे. अब पार्क उजाड़ हो गया है. ऐसे में पार्क में न दादा- दादी के कदम पड़ रहे हैं, न बच्चों की मस्ती दिखती है. करीब आठ वर्ष पूर्व करीब 99 लाख रुपये से पार्क बना था. फिलहाल यहां मुर्गियां घूम रही हैं.
पार्क की सुंदरता पर लगी नजर :
दादा-दादी पार्क में कई तरह के फूल व आकर्षक पौधे लगाये गये थे. पानी के फव्वारे के लिए फाउंटेन लगे थे. गर्मी के दिनों में लोग फाउंटेन के पास बैठ कर आनंद लेते थे. वहां लगे फूल और पौधों को निहारते थे. स्कूली बच्चे झूला के साथ मस्ती करते थे. वर्तमान में कुछ भी सही नहीं है. पहले सुंदर दिखने वाल पार्क आज उजाड़ हो गया है.नप ने बंदोबस्ती के लिए निविदा आमंत्रित की :
पार्क बंदोबस्त होने के साथ एजेंसी ने आगंतुकों को बेहतर माहौल व सुविधा के लिए रंग- बिरंगी मछलियां फव्वारे में छोड़े गये थे. वहां शाम में चाय- काॅफी आदि की व्यवस्था थी. हालांकि, जलपान करने वालों को पैसे देने पड़ते थे. फिलहाल नगर परिषद ने पार्क को फिर से बंदोबस्त कराने के लिए निविदा आमंत्रित की है. अबतक कोई सामने नहीं आया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है