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Naxals Surrender in Chaibasa: झारखंड में पुलिस और सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान से परेशान नक्सलियों ने अब सरेंडर करना शुरू कर दिया है. हाल ही में पलामू, हजारीबाग और गुमला में कई नक्सलियों के मारे जाने के बाद नक्सलियों को यह समझ आ गयी है कि अगर सरेंडर नहीं करेंगे, तो पुलिस अपनी गोली का निशाना बनाने से पीछे नहीं हटेगी. इसलिए सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ लेते हुए गुरुवार 25 सितंबर 2025 को भाकपा (माओवादी) संगठन के 10 सक्रिय नक्सलियों ने चाईबासा के पुलिस केंद्र में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) व सीआरपीएफ के वरीय अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
इन नक्सलियों ने किया सरेंडर, माला पहनाकर हुआ स्वागत
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. सरेंडर करने वालों में 4 महिला नक्सली हैं. पुरुष नक्सलियों में गोइलकेरा थाना क्षेत्र के कुइड़ा गांव के श्रीजांगकोचा निवासी रांदो बोयपाई उर्फ क्रांति (एरिया कमेटी सदस्य), टोंटो थाना क्षेत्र के रेंगड़ाहातु गांव के गांधी टोला निवासी गारदी कोड़ा(दस्ता सदस्य), टोंटो के रेंगड़ाहातु गांव के गितिलगुटू टोला निवासी जॉन उर्फ जोहन पुरती, रेंगड़ाहातु के महाबुरू टोला निवासी कैरा कोड़ा, सारजोमबुरू निवासी घोनोर देवगम, गोइलकेरा थाना के बेड़ा दुइया गांव के मुरगीगेना निवासी गोमिया कोड़ा उर्फ टारजन व रांची जिला के तमाड़ थाना के हारबागाढ़ा निवासी प्रदीप सिंह मुंडा शामिल हैं.
Naxals Surrender in Chaibasa: इन महिला नक्सलियों ने किया सरेंडर
महिला नक्सलियों में छोटानागरा थाना क्षेत्र के बाहदा गांव निवासी निरसो सिद्दू उर्फ आशा, मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अंजेदबेड़ा गांव निवासी कैरी कायम उर्फ गुलांची एवं गोइलकेरा थाना क्षेत्र के ईचाहातु गांव के गुटुसाई टोला निवासी सावित्री गोप उर्फ फुटबॉल शामिल हैं. आत्मसर्पण करने पहुंची महिला नक्सली कैरी कायम डेढ़ साल की बेटी को गोद में लेकर आयी थी. सरेंडर करने वाले इन सभी नक्सलियों पर टोंटो, छोटानागरा, जराइकेला और गुवा थाना में हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आर्म्स एक्ट और यूएपीए जैसे गंभीर कांड दर्ज हैं.
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माओवादी गतिविधियों पर लगेगा अंकुश – पुलिस
पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने बताया कि इनका समर्पण नक्सली संगठन पर एक बड़ा प्रहार है. इससे कोल्हान और सारंडा क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा. कहा कि झारखंड पुलिस, कोबरा, झारखंड जगुआर एवं सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान के कारण पिछले 3 वर्षों में लगातार नक्सलियों पर दबाव बना है. इसी का असर है कि अब तक 26 माओवादी हथियार डालकर मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं.
175 नक्सली गिरफ्तार और 10 मुठभेड़ में मारे गये – डीजीपी
डीजीपी श्री गुप्ता ने बताया कि 3 वर्ष में पश्चिमी सिंहभूम में 9,631 अभियान चलाये गये, जिसमें 175 नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं. 10 नक्सलियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. ऑपरेशन के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और कारतूस बरामद किये गये. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति नक्सलियों को नया जीवन देने का अवसर है. उन्होंने उग्रवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की है.
सिमटता जा रहा नक्सलियों का दायरा – डीजीपी
डीजीपी ने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में उग्रवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उग्रवाद प्रभावित थाना क्षेत्रों के आम जनमानस के बीच सुरक्षा भाव बनाये रखने के लिए 3 वर्षों में नये सुरक्षा कैंप बनाये गये हैं, जिससे नक्सलियों का दायरा सिमटता जा रहा है.
संगठन चला रहे नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रहा अभियान
डीजीपी ने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के कोल्हान एवं सारंडा क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों से प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के ईस्टन रीजिनल ब्यूरो का संचालन केंद्रीय समिति सदस्य मिसिर बेसरा, पतिराम माझी उर्फ अनल, असीम मंडल, सुशांत उर्फ अनमोल, मेहनत उर्फ मोछू, अजय महतो उर्फ बुधराम, पिंटु लोहरा, अश्विन, अमित मुंडा, सालुका कायम एवं सागेन अंगरिया के नेतृत्व में किया जा रहा है. इनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के लिए झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर, कोबरा एवं सीआरपीएफ का अभियान दल गठित कर लगातार अभियान चला रहा है.
31 दिसंबर 2025 तक समाप्त हो जायेगा नक्सलवाद – डीजीपी
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि 31 दिसंबर 2025 तक झारखंड में नक्सलियों का सफाया हो जायेगा. उन्होंने कहा कि पुलिस का सूचना तंत्र काफी मजबूत और सशक्त है. इसलिए पुलिस के ऑपरेशन सफल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे जो सभी अधिकारी अच्छा कार्य कर रहे हैं, हम उनका पूरा ख्याल रखते हैं और जो अधिकारी व जवान शहीद होते हैं, उन्हें सरकार की पॉलिसी के तहत 1.10 करोड़ रुपए और अन्य सारी सुविधाएं दी जाती हैं.
ओपेन जेल में रखे जाते हैं सरेंडर करने वाले नक्सली
उन्होंने बताया कि आत्म समर्पण करने वालों को ओपेन जेल में रखा जाता है, जहां उन्हें परिवार के लोगों से मिलने का अवसर भी मिलता है. इस मौके पर सीआरपीएफ के आइजी साकेत सिंह, आइजी अभियान माइकल एस राज, आइजी एसटीएफ अनूप बिरथरे, कोल्हान डीआइजी अनुरंजन किस्पोट्टा, चाईबासा एसपी अमित रेशु समेत अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
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