चाईबासा.चाईबासा के जीसी जैन कॉमर्स कॉलेज में आठ कमरों का बना छात्रावास पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है. इस छात्रावास का निर्माण 1975 से पूर्व हुआ था. इसी तरह 1987 में बनी दो मंजिला लाइब्रेरी भवन जो अब पूरी तरह से खंडहर बन चुकी है. ये दोनों संरचनाएं कॉलेज परिसर में बनने के बाद से इसका उपयोग कभी नहीं हुआ. फिर भी कॉलेज का शोभा बढ़ा रहा है. दोनों परिसर की भूमि का 60 फीट लंबा व लगभग 40 फीट चौड़ा आकार को घेरे हुए है. सूत्रों के अनुसार ये दोनों भवन कॉलेज को हैंडओवर ही नहीं किया गया. इस कारण काॅलेज द्वारा इसका कभी उपयोग नहीं हुआ. दोनों भवन खंडहर में तब्दील हो गया है. अब कॉलेज प्रशासन इस खंडहरनुमा ढांचा को ना तो अपने से हटा सकता है और ना ही इस भूमि का उपयोग ही किसी दूसरे उपयोग के लिए कर सकता है. कॉलेज परिसर में एक गड्ढानुमा जमीन है जो लगभग 10 फीट गहरा है. इसकी भी आकार प्रकार 20 फीट लंबा व 15 फीट चाैड़ा है. जो बिना किसी उपयोग पड़ा हुआ है. कॉलेज प्रशासन के पास अतिरिक्त भूमि के रूप में मैदान ही बच जाता है.
कॉलेज में छात्रावास की सुविधा नहीं :
जीसी जैन कॉमर्स कॉलेज चाईबासा समेत कोल्हान विश्वविद्यालय का एकमात्र ऐसा कॉलेज है जहां केवल कॉमर्स की पढ़ाई होती है. वर्तमान समय में कॉमर्स की बढ़ती मांग को देखते हुए इसमें आसपास के क्षेत्र से हजारों की संख्या में विद्यार्थी नामांकन कराते हैं. परंतु छात्रावास की सुविधा कॉलेज के पास उपलब्ध नहीं है. इस कारण दूर दराज से विद्यार्थी साइकिल व मोटरसाइकिल समेत बसों से रोजाना आते जाते है. झींकपानी, हाटगम्हरिया, जगन्नाथपुर, मझगांव, चीरू, आयता, सारदा, सिम्बिया, कुर्सी, असुरा आदि से बच्चे पढ़ने के लिए कॉलेज आते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है