बोकारो, शिक्षा जगत में शिक्षकों की भूमिका शुरू से ही महत्वपूर्ण है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षकों की भूमिका और भी अहम हो गयी है. इस नीति का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में लचीलापन लाना है. यह शिक्षकों का भी मुख्य उद्देश्य होना चाहिए. इसको हरपल ध्यान रखना है. यह बातें डीएवी चार के प्राचार्य एसके मिश्रा ने कही. श्री मिश्रा ने शनिवार को स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ बैठक कर एनइपी के महत्व, भूमिका व उपयोग पर श्री मिश्रा ने विस्तार से चर्चा की.
प्राचार्य श्री मिश्रा ने कहा कि शिक्षक-शिक्षिका विद्यार्थी के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास पर ध्यान दें. साथ ही शिक्षकों को सैद्धांतिक व्यवहार के साथ-साथ अपने व्यावहारिक प्रस्तुति पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है.शिक्षक विद्यार्थी बन कर सीखते रहें, तभी शिक्षा नीति होगी सफल
श्री मिश्रा ने कहा कि कोई भी शिक्षा नीति तभी सफल हो सकती है, जब एक शिक्षक हमेशा विद्यार्थी बन कर सीखते रहें. शिक्षक क्लास रूम में क्या और कितना पढ़ा रहे हैं…उन्हें खुद विचार करना चाहिए. शिक्षा में तकनीक का समावेश किया गया है. शिक्षक को तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सिद्धांतों को प्रैक्टिस में बदलने की जरूरत है. शिक्षकों की भूमिका के बिना शिक्षा व्यवस्था में बेहतर परिणाम की कल्पना अधूरी है. बैठक में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर अपना-अपना सुझाव व विचार दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है