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दबाव में आए यूनुस, एक महीने में आया तीसरा इस्तीफा, अब इस बड़े अधिकारी ने छोड़ा पद, क्या हो पाएंगे चुनाव?

Bangladesh Interim Government: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार के गृह मामलों के विशेष सहायक खुदा बख्श चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. शनिवार को उस्मान हादी के अंतिम संस्कार के बाद, इंकलाब मंचो के संयोजक ने हत्यारों की गिरफ्तारी की प्रगति पर रिपोर्ट पेश करने की मांग की थी. संगठन ने चेतावनी दी थी कि यदि इस पर जवाब नहीं दिया गया, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा.

Bangladesh Interim Government: जुलाई आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार के गृह मामलों के विशेष सहायक खुदा बख्श चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. डेली स्टार के मुताबिक, बुधवार को जारी एक राजपत्र (गजट) अधिसूचना के अनुसार, बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने चौधरी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. इस अधिसूचना पर बांग्लादेश के कैबिनेट सचिव शेख अब्दुर राशिद के हस्ताक्षर हैं और इसे राष्ट्रपति के आदेश पर जारी किया गया.

मुख्य सलाहकार के प्रेस विंग ने भी इस घटनाक्रम की पुष्टि की है, हालांकि चौधरी के इस्तीफे के कारणों को लेकर कोई विवरण साझा नहीं किया गया. खुदा बख्श चौधरी, बांग्लादेश पुलिस के पूर्व महानिरीक्षक (आईजीपी) रह चुके हैं. उनको 10 नवंबर 2024 को मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस का विशेष सहायक नियुक्त किया गया था. उनका इस्तीफा पूरी तरह अप्रत्याशित नहीं माना जा रहा है, क्योंकि इंकलाब मंचो की ओर से उनके इस्तीफे की मांग की जा रही थी. 

संगठन की चेतावनी पर झुकी यूनुस सरकार

मंचो पिछले साल के जुलाई आंदोलन के दौरान बना एक जन-सांस्कृतिक आंदोलन है. स्वर्गीय उस्मान हादी इसके संस्थापक थे. 12 दिसंबर को उन्हें गोली मारी गई और 18 दिसंबर को उनकी मौत हुई. शनिवार को उस्मान हादी के अंतिम संस्कार के बाद, इंकलाब मंचो के संयोजक ने बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जहांगिर आलम चौधरी और गृह मंत्रालय में मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक बख्श चौधरी से हादी के हत्यारों की गिरफ्तारी की प्रगति पर रिपोर्ट पेश करने की मांग की थी. संगठन ने चेतावनी दी थी कि यदि इस पर जवाब नहीं दिया गया, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा.

प्रथम आलो के अनुसार, इंकलाब मंचो के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने शनिवार को सरकारी अधिकारियों को एक अल्टीमेटम जारी किया. अपने भाषण में उन्होंने दो मांगें रखीं. पहली: गृह मामलों के सलाहकार और सहायक सलाहकार पिछले एक सप्ताह में हादी की हत्या की जांच में हुई प्रगति पर सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट दें. दूसरी: यदि 24 घंटे के भीतर कोई जवाब नहीं मिलता, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा. इसके अलावा, अल जाबेर ने अधिकारियों से कथित तौर पर नागरिक और सैन्य खुफिया एजेंसियों में छिपे अवामी आतंकवादियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की भी अपील की.

एक महीने में तीसरा इस्तीफा

अब तक मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार से कम से कम तीन सलाहकार इस्तीफा दे चुके हैं, जिनमें ताजा इस्तीफा खोदा बख्श चौधरी का है. इनमें छात्र नेता और सलाहकार नाहिद इस्लाम शामिल हैं, जिन्होंने 2025 की शुरुआत में सलाहकार परिषद से इस्तीफा दिया था. इसके अलावा 10 दिसंबर 2025 को आसिफ महमूद शोजिब भुइयां ने स्थानीय सरकार, ग्रामीण विकास और सहकारिता मंत्रालय के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया था. उसी दिन महफुज आलम ने भी सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सलाहकार पद से त्यागपत्र दे दिया था.

कौन था उस्मान हादी

इंकलाब मंचो के संयोजक शरीफ उस्मान हादी, पिछले साल के जुलाई आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे, को पिछले गुरुवार को मृत घोषित कर दिया गया. 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में रिक्शे से यात्रा के दौरान उन्हें बेहद नजदीक से गोली मार दी गई थी. बांग्लादेश पुलिस के अनुसार दो हमलावर मोटरसाइकिल पर आए, गोलियां चलाईं और मौके से फरार हो गए. 

गंभीर रूप से घायल हादी को पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया और बाद में एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें आईसीयू में रखा गया. 15 दिसंबर को बेहतर इलाज के लिए उन्हें एयर एंबुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया, जहां बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया. 

हादी की मौत के बाद हुई भयानक हिंसा

उनकी मौत के बाद राजधानी ढाका में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. आज भी प्रदर्शनकारियों ने ढाका के शाहबाग चौराहे पर एकत्र होकर मारे गए नेता के लिए न्याय की मांग की. हादी को फरवरी 2026 में होने वाले राष्ट्रीय चुनाव के लिए ढाका-8 सीट से संभावित उम्मीदवार के तौर पर भी देखा जा रहा था.

यह हिंसा ऐसे वक्त में हुई है, जब 12 फरवरी 2026 को होने वाले राष्ट्रीय चुनाव में दो महीने से भी कम समय बचा है. यह चुनाव जुलाई 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश का पहला आम चुनाव होगा. हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा की नई लहर देखने को मिली. उग्र भीड़ ने देश के बड़े समाचार पत्र डेली स्टार और प्रथम आलो के दफ्तरों के साथ-साथ 1960 के दशक में स्थापित दो प्रमुख सांस्कृतिक संगठनों  छायानट और उदिची शिल्पी गोष्ठी के कार्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट. करियर की शुरुआत प्रभात खबर के लिए खेल पत्रकारिता से की और एक साल तक कवर किया. इतिहास, राजनीति और विज्ञान में गहरी रुचि ने इंटरनेशनल घटनाक्रम में दिलचस्पी जगाई. अब हर पल बदलते ग्लोबल जियोपोलिटिक्स की खबरों के लिए प्रभात खबर के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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