बोकारो, होली आई रे कन्हाई, रंग लेके दीवाने आ गये, बलम पिचकारी जो तूने, अंखिया भईल लाल, लहे लहे होली है…स्टील सिटी बोकारो होली के हिंदी-भोजपुरी गीतों पर झूम रहा है. गुरुवार को विधि-विधान व पूजा-पाठ के बाद बोकारो-चास में होलिका देर रात जली. शुभ मुहूर्त में अधर्म की प्रतीक होलिका का दहन कर धर्म की विजय का संकेत दिया गया. अब होली 15 मार्च को मनेगी. स्कूल-कॉलेज, सरकारी-प्राइवेट कार्यालयों, राजनीतिक-सामाजिक संस्थाओं का होली मिलन बोकारो-चास में जगह-जगह हुआ. कहीं ढोलक-झाल-मंजीरा पर फगुआ हुआ तो कई स्थानों पर डीजे पर हिंदी-भोजपुरी होली गीतों पर लोग झूमे.
प्रेम, एकता व आपसी सौहार्द का प्रतीक होली का त्योहार शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा. शनिवार को सुबह से ही रंगों की बौछार शुरू हो जायेगी. होली का उल्लास चरम पर है. कार्यालयों व संस्थानों में लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिले. उधर, बाजारों में जमकर खरीदारी हुई. मेवे, कपड़े व रंगों की दुकान पर खरीदारों का तांता देर शाम तक लगा रहा.रंग व पिचकारी की दुकानों पर रही भीड़
होली के लेकर बोकारो-चास में देर रात तक बाजारों में चहल-पहल रही. मिठाइयों की भी खूब खरीददारी हुई. सिटी सेंटर सेक्टर चार, श्रीराम मंदिर मार्केट सेक्टर वन, बाइपास चास, मेन रोड चास, धर्मशाला मोड़ चास, आईटीआई मोड़ चास, योधाडीह मोड़-चास में देर रात तक खरीददारों की भीड़ रही. चौक-चौराहों व गलियों में सजी रंग व पिचकारी की दुकानों पर बच्चों और युवाओं की खासी भीड़ नजर आयी. घर-घर के साथ-साथ चौक-चौराहे पर होली गीत गूंज रहे हैं. स्टील सिटी पर होली का रंग चढ़ गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है