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7.40 करोड़ की चंद्रपुरा ग्रामीण जलापूर्ति योजना सात साल बाद भी है अधूरी

7.40 करोड़ की चंद्रपुरा ग्रामीण जलापूर्ति योजना सात साल बाद भी है अधूरी

विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा :

7.40 करोड़ रुपये की चंद्रपुरा ग्रामीण जलापूर्ति योजना सात साल बाद भी अधूरी है, जबकि इसका काम एक साल में ही पूरा करना था. योजना के पूरा नहीं होने के कारण चंद्रपुरा पंचायत के लोगों को पाइप लाइन से पानी मिलने का सपना भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. भामाशाह मुहल्ला, स्टेशन रोड, प्रेम नगर पहाड़ी, न्यू बस्ती, न्यू पिपराडीह, मदरसा मुहल्ला, चर्च रोड, झिंझिरघुटटु के ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा है. कई क्षेत्रों में पानी की किल्लत है. विभाग का कहना है कि पाइप बिछाने के लिए डीवीसी से एनओसी नहीं मिलने और मशीनों की चोरी होने से काम पूरा होने में देरी हुई.

छह मार्च 2017 को किया गया शिलान्यास

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योजना का शिलान्यास झिंझिरघुटटु गांव के समीप छह मार्च 2017 को किया गया था. मौके पर तत्कालीन सांसद रवींद्र कुमार पांडेय और विधायक योगेश्वर महतो बाटूल मुख्य रूप से उपस्थित थे. इसके बाद काम शुरू हुआ. राजाबेड़ा स्थित दामोदर नदी में तीन एमएलडी क्षमता इंटेक वेल व दो एमएलडी क्षमता का फिल्टर प्लांट बनाया गया. डीवीसी क्षेत्र होते हुए पाइप लाइन बिछायी गयी. योजना थी राजाबेड़ा से पाइप लाइन द्वारा झिंझिरघुटटु के चार लाख 40 हजार लीटर क्षमता वाले टंकी तक पानी आयेगा. इस टंकी से घर-घर तक पेयजलापूर्ति की जायेगी.

क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीणकई बार विभाग के अधिकारियों से बात की गयी. उनकी ओर से हर बार कहा गया कि काम हो रहा है. लेकिन अभी तक ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिला.

अनुग्रह नारायण सिंह, मुखिया चंद्रपुरा

योजना का काम कब का पूरा हो जाना चाहिए था, मगर अभी तक अधूरा है. पंचायत में कई जगह पानी की किल्लत है. विभाग को जल्द इस योजना को चालू करना चाहिए.

रवींद्र यादव, उप मुखिया, चंद्रपुरा

पंचायतवासी इस योजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं. गर्मी के मौसम में कई गांवों व टोलों में पानी की समस्या उत्पन्न हुई है.

धीरेंद्र हजाम, पंसस, चंद्रपुराझिंझिरघुटटु में पेयजल की समस्या है. डीवीसी ने पानी का कनेक्शन जरूर दिया है, जहां लोगों को जाकर पानी लाना पड़ता है. काफी भीड़ हो जाती है.

अरुण सिंह, ग्रामीण

काम पूरा नहीं हुआ तो संवेदक को ब्लैकलिस्टेड किया जायेगा : इइ

पेयजल विभाग चास प्रमंडल के इइ आरपी राम ने बताया कि संवेदक पर दबाव बनाया गया है. दिसंबर 2023 में ही संवेदक ने काम पूरा करने का आश्वासन दिया था, मगर नहीं किया. यदि काम पूरा नहीं किया तो ब्लैकलिस्टेड किया जायेगा. दो साल से संवेदक को किसी तरह के बिल का पेमेंट नहीं किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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