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काम बंद होने से 165 परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति

काम बंद होने से 165 परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति 16चास05 – समस्याओं से अवगत कराते ग्रामीणलॉकडाउन में चास प्रखंड क्षेत्र के नारायणपुर आमटांड़ के दिहाड़ी मजदूरों के पास कोई काम नहीं प्रतिनिधि 4 चासलॉकडाउन में काम बंद होने के बाद दैनिक मजदूरी करने वालों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गयी है. […]

काम बंद होने से 165 परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति 16चास05 – समस्याओं से अवगत कराते ग्रामीणलॉकडाउन में चास प्रखंड क्षेत्र के नारायणपुर आमटांड़ के दिहाड़ी मजदूरों के पास कोई काम नहीं प्रतिनिधि 4 चासलॉकडाउन में काम बंद होने के बाद दैनिक मजदूरी करने वालों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गयी है. चास प्रखंड क्षेत्र के नारायणपुर आमटांड़ के 165 परिवार को दो वक्त का भोजन जुटाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. यहां रहने वाले अधिकांश लोग अपने भरण-पोषण के लिए दैनिक मजदूरी करते हैं. लॉकडाउन के कारण इन सभी को कहीं भी मजदूरी नहीं मिल रही है. इन परिवारों में शामिल अधिकांश सदस्यों के पास किसी प्रकार का राशन कार्ड नहीं है. ग्रामीण वंदना देवी, अनुराग, महेंद्र बाउरी, प्रवीण कुमार ने बताया कि अधिकांश लोगों ने राशन कार्ड के लिए कई महीनों पूर्व ही आवेदन किया है, लेकिन अभी तक किसी को राशन कार्ड नहीं मिला है. बताया कि ऑनलाइन आवेदन से मिली पर्ची भी खो गयी है. इस कारण प्रशासन के पास भी हमलोग दावा नहीं कर पा रहे हैं. जबकि यहां की वस्तुस्थिति की जानकारी मौखिक रूप से कई बार बीडीओ सहित अन्य अधिकारियों को दी है. इसके बाद भी प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का राहत नहीं दी गयी और न ही कोई भी संस्था की ओर से सहायता मिल रही है. चास प्रखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महावीर सिंह चौधरी सहित अन्य लोगों ने भी आठ अप्रैल को चास बीडीओ संजय शांडिल्य को पत्र लिखकर नारायण पंचायत क्षेत्र में जरूरतमंदों को अनाज उपलब्ध कराने की मांग की थी. जनधन खाता बना सहारा : यहां के दो दर्जन लोगों के पास ही जनधन खाता है. खाता में आये 500 रुपये ही इन दिनों यहां के लोगों के लिए सहारा बना हुआ है. ग्रामीण पिंकी देवी, हिमांशु पाल, प्रमिला देवी, देवीलाल मंडल, सोनाली देवी, नीलम कुमारी, यशोदा देवी, प्रेम कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के कारण सभी के घरों में कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हो गयी है. यहां तक कि खाना बनाने के लिये गैस भी घर में नहीं है. इधर-उधर से लकड़ी जुगाड़ कर लोग खाना बना रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर यही स्थिति रहा तो लोग भूख से दम तोड़ देंगे. सरकार व संस्था दाेनाें नहीं कर रही मदद 16चास06 – अजित मंडलइस गांव की स्थिति काफी दयनीय है. यहां के लोग मजदूरी कर रोजी-रोटी चलाते हैं. लॉकडाउन के कारण सभी के पास भरपेट खाना खाने के लिए भी अनाज नहीं है.अजित मंडल16चास07 – उर्मिला देवीयहां के सभी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. इसके बाद भी लाल कार्ड व अन्य प्रकार के राशन कार्ड नहीं बना है. इसके नहीं रहने से किसी को भी अनाज नहीं मिल रहा है.- उर्मिला देवी16चास08 – पुरनी देवीइस लॉकडाउन से गरीब लोगों का मरण हो गया है. बच्चों को भरपेट भोजन भी नहीं मिल पा रहा है. सामाजिक संस्था भी यहां नहीं पहुंच रही है, नतीजा भूख से लड़ रहे हैं.- पुरनी देवी16चास09 – राजू बाउरीयहां के लोगों को किसी प्रकार की सरकारी लाभ नहीं मिल रहा है. राशन तो दूर पेयजल की भी यहां समस्या है. लोगों को काफी दूर से पानी लाना पड़ता है. ध्यान देने की जरूरत है.- राजू बाउरीकोट : नारायणपुर पंचायत में 7500 से अधिक लोग हैं. इसमें से अधिकांश लोग गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करते हैं. जबकि राज्य सरकार की ओर से राहत कार्य चलाने के लिए सिर्फ 10 हजार रुपये मिला है. इतनी कम राशि से सभी को अनाज उपलब्ध कराना संभव नहीं है. इसके बाद भी सही जरूरतमंदों को चिह्नित कर लाभ दिलाने का प्रयास किया जा रहा है.राकेश बाउरी, मुखिया, नारायणपुर पंचायत

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