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झारखंड बजट 2018-19 : सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष ने निराशाजनक बताया

मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया़ बजट को जहां सत्ता पक्ष के लोगों ने सराहा और विकास का बजट बताया, वहीं विपक्ष ने बजट को सिरे से खारिज करते हुए इसे निराशाजनक व जनता के हित में नहीं बताया़ सत्ता पक्ष के लोगों […]

मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया़ बजट को जहां सत्ता पक्ष के लोगों ने सराहा और विकास का बजट बताया, वहीं विपक्ष ने बजट को सिरे से खारिज करते हुए इसे निराशाजनक व जनता के हित में नहीं बताया़ सत्ता पक्ष के लोगों ने कहा कि यह झारखंड के नव निर्माण का बजट है.
इस बजट में राज्य के सर्वांगीण विकास के सोच की झलक है. बजट मूल रूप से ग्रामीण विकास, कृषि तथा संबद्ध सेवाएं, रोजगार और गरीबी उन्मूलन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. वहीं विपक्षी दलों ने कहा कि बजट सिर्फ खाता-बही बन कर रह गया है़ बजट में नया रिसाेर्स कहां से आयेगा, इसका कोई प्रावधान नहीं किया गया है.इसमें विकास का कोई विजन नहीं दिख रहा है़
सत्ता पक्ष
झारखंड के नव निर्माण का बजट : लक्ष्मण गिलुवा
भाजपा नेताओं ने रघुवर सरकार की ओर से पेश किये गये बजट की सराहना की है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि यह झारखंड के नव निर्माण का बजट है.
इस बजट में राज्य के सर्वांगीण विकास के सोच की झलक है. बजट में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा व चिकित्सा के अलावा स्वरोजगार एवं ग्रामीण कुटीर उद्योगों के विकास के लिए भी प्रावधान किया गया है. किसानों एवं ग्रामीण आबादी की आय दोगुनी करने एवं महिला सशक्तीकरण पर विशेष बल देकर मुख्यमंत्री ने सराहनीय प्रयास किया. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के लिए अलग से विशेष बजटीय प्रावधान करके इस समाज के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया गया है. इससे पलायन रुकेगा.
संतुलित व विकासोन्मुख बजट : महेश पोद्दार
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि बजट संतुलित, विकासोन्मुख और राज्य की प्राथमिकताओं को पूरा करने वाला है. बजट मूल रूप से ग्रामीण विकास, कृषि तथा संबद्ध सेवाएं, रोजगार और गरीबी उन्मूलन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. बजट में जहां 7000 करोड़ रुपये की वृद्धि प्रस्तावित है, वहीं ग्रामीण विकास के लिए पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत से अधिक बजट उपबंध का प्रावधान किया गया है. सरकार ने शिक्षा मद में भी वृद्धि की है तथा अन्य सेवाओं में भी पर्याप्त राशि दे रही है, जो स्वागत योग्य है. बजट में नये औद्योगिक क्षेत्रों के लिए प्रावधानों का अभाव देख कर थोड़ी निराशा हुई है. ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण अच्छा कदम है.
न्यू झारखंड के लिए क्रांतिकारी बजट : सीपी सिंह
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा पेश किया गया बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया के लिए न्यू झारखंड का बजट है. यह क्रांतिकारी बजट है, जो झारखंड को विकास की नयी ऊंचाइयों पर ले जायेगा. शहरी आधारभूत संरचना के साथ-साथ इस बार ग्रामीण क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. ग्रामीणों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से सरकार काम करेगी. ग्रामीण हाट, अरबन हाट जैसे यूनिक आइडिया पर सरकार काम करेगी, ताकि लोगों को रोजगार मिले. किसानों पर फोकस किया गया है. महिलाओं को स्वावलंबी बनाने पर जोर दिया गया है. कुल मिलाकर इस बजट में आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग, महिला, किसान, गरीब सबका ध्यान रखा गया है.
विपक्ष
भूसा में सूई ढूंढ़ने जैसा है बजट, जनता को कोई लाभ नहीं : हेमंत
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि रघुवर सरकार का यह बजट भूसा मेंसूई ढूंढ़ने जैसा है. जनता का खून चूसने वाला है़ पहले ही जीएसटी आने के बाद सारा कमांड केंद्र के पास चला गया है़
बजट कर प्रणाली को कैसे तय करना है, इसके लिए होता है, लेकिन कर प्रणाली जीएसटी आने के बाद किसी काम की नहीं रह गयी है़ बजट सिर्फ खाता-बही बन कर रह गया है़ उन्होंने कहा कि बजट में नया रिसाेर्स कहां से आयेगा, इसका कोई प्रावधान नहीं किया गया है. पैसा कहां से आयेगा व खर्च कितने करने हैं एेसी कोई बात इस बजट में नहीं है. बजट भले ही उनके लिए आदर्श बजट होगा, लेकिन यह बजट केवल निराश करने वाला है. सरकार का यह बजट लोगों को ठगने वाला है.
बजट में विकास का कोई विजन नहीं निराशाजनक : डॉ अजय
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इसमें विकास का कोई विजन नहीं दिख रहा है़ इस बजट में ग्रामीण, मजदूर, व कुपोषण से निबटने के लिए कुछ नहीं किया गया है़
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में क्रोनिक कुपोषण का अनुपात बढ़ा है़ कुपोषण से जूझ रहे झारखंड को बजट से बहुत उम्मीद थी कि कल्याण (समाज कल्याण) में एक स्पष्ट बढ़ोतरी होगी, लेकिन पिछले बजट में 7.10 प्रतिशत की हिस्सेदारी इस बार घट कर 7.14 प्रतिशत हो गयी है़ स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में व्यय के मामले में झारखंड काफी पीछे है. मालूम हो कि पिछले बजट में शिक्षा की 13.90 प्रतिशत की भागीदारी थी, जिसे 13.94 प्रतिशत ही किया गया है़
राजनीतिक स्टंट के तहत बढ़ाया गया आकार : स्टीफन
झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि यह बजट जनता के हित में नहीं है़ इससे जता का भला नहीं होगा़ खर्च के प्रतिशत के आधार पर बजट का आकार बढ़ाना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार ने राजनीतिक स्टंट के तहत बजट का आकार बढ़ाया है़
संसाधन नहीं बढ़ रहे हैं, लेकिन राज्य पोषित योजनाओं का आकार बढ़ा दिया गया है़ इसमें कोई मैचिंग नहीं है़ सरकार ने तीन-तीन बार अनुपूरक बजट लाया है़ पिछले वित्तीय वर्ष में मूल बजट की 51 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पायी है़ सरकार का वित्तीय प्रबंधन लचर है़ बजट का आकार बढ़ाया जा रहा है, लेकिन काम नहीं हो रहा है़
बजट से सर्वांगीण विकास होगा : दिनेशानंद
भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि इस बजट से राज्य का सर्वांगीण विकास होगा. बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास तथा बिजली पर अधिक जोर दिया गया है. इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. सरकार ने गरीबों एवं किसानों के लिए इस बजट में कई कल्याणकारी योजनाएं लायी है. यह राज्य का बहुमुखी विकास करने वाला बजट है.
झारखंड के गांवों पर किया गया फोकस : अनंत
भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि बजट में झारखंड के गांवाें के विकास को फोकस किया गया है. संताल परगना के विकास पर सरकार का जोर है.संताल परगना के विकास के लिए विशेष पैकेज दिया गया है़ इससे संताल परगना विकास की मुख्य धारा में जुड़ेगा़ यह बजट झारखंड के विकास में अहम भूमिका निभायेगा़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने वाला बजट है़
गांवों व किसानों की तकदीर बदलेगी : रणधीर सिंह
कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि शानदार बजट है़ गांव और किसानों की तकदीर बदलने वाला बजट है़ गांव के विकास पर विशेष फोकस किया गया है़ खेतों तक पानी व बिजली पहुंचाने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है़ किसानों को खुशहाल बनाने के लिए बजट में कई प्रावधान किये गये है़ं बजट में महिला, नौजवान और वंचितों का भी विशेष ख्याल रखा गया है़ रोजगार सृजन में भी यह बजट सहायक होगा़
जन आकांक्षाओं के अनुरूप
बजट : चंद्रप्रकाश चौधरी
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जन आकांक्षाओं के अनुरूप बजट पेश किया है. इसमें सबों के हितों का ख्याल रखा गया है. बजट हर वर्ग के लिए बेहतर तथा विकास को गति देने वाला है. बजट के माध्यम से राज्य सरकार ने ग्रामीण आबादी को पाइप जलापूर्ति के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. सिंचाई सुविधाओं पर भी ध्यान दिया गया है.
किसान व युवा विरोधी बजट : माले
भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने बजट को किसान व युवा विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबों, दलित-आदिवासियों व किसानों की बात की है, वह भी उनके साथ धोखा है. इस राज्य में दलित-आदिवासियों को भूखे मरने को बाध्य होना पड़ा है. निचले स्तर तक भ्रष्टाचार आज भी व्याप्त है. सरकार के पास इसको रोकने की कोई योजना नहीं है.
बजट में कुछ भी नया नहीं : अन्नपूर्णा
राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि झारखंड सरकार कर्ज लेकर घी पी रही है. बजट में कुछ भी नया नहीं है. लगातार राजकोषीय घाटा बढ़ता जा रहा है. झारखंड के हर व्यक्ति पर 60 हजार से ज्यादा कर्ज है. तामझाम के लिए सरकार के बजट में राशि का आवंटन किया गया है. झूठ का पुलिंदा है मुख्यमंत्री रघुवर दास का बजट भाषण. रोजगार को लेकर बजट में सरकार का विजन नहीं दिख रहा है.
जनता के लिए कुछ नहीं है : आलमगीर आलम
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि बजट का आकार बड़ा है, पर इससे जनता का भला होगा इसकी क्या गारंटी है? पिछली बार 75 हजार करोड़ के बजट में अब तक आधी राशि भी खर्च नहीं हो पायी है. सरकार को इस पर भी ध्यान देना चाहिए. 78 हजार करोड़ के राजस्व की उगाही में अब तक 8000 करोड़ की ही उगाही हो पायी है. इससे राजस्व पर ज्यादा भार बढ़ता है. केवल भाषण का बजट है.
रघुवर सरकार का यह बजट काल्पनिक है: प्रदीप यादव
झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि यह बजट काल्पनिक है. हकीकत से कोसों दूर है. मुख्यमंत्री ने पिछली बार के बजट से कुछ भी सीखने का प्रयास नहीं किया है. पूर्व के अनुभव के अनुमान से भी काफी दूर है. राजस्व वसूली का आकलन 90 प्रतिशत अगर सही है, तो ठीक है पर इस बजट में 50 प्रतिशत भी सही नहीं निकला. सरकार मात्र 50 प्रतिशत राशि ही खर्च कर पायी है.यह राज्य पर बोझ बढ़ाने वाला बजट है.
राज्य के विकास में मिल का पत्थर साबित होगा : राकेश
राज्य 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समित के उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने कहा कि यह बजट राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इसके दूरगामी परिणाम सामने आयेंगे. सबका साथ, सबका विकास की तर्ज पर इसमें प्रत्येक वर्ग कृषक, महिला, उद्यमी, छात्र, पशुपालक आदि के लिए अलग से प्रावधान किया गया है. तारिक इमरान ने कहा कि यह झारखंड के विकास को मुहर लगाने वाला बजट है.
गांव, गरीब व मजदूरों पर दिया गया जोर
प्रदेश मंत्री सुबोध सिंह गुड्डू ने कहा कि बजट में गांव, गरीब व मजदूर समेत सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. यह ऐतिहासिक बजट है. प्रदेश प्रवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि बजट पूरी तरह से प्रगतिशील व जन कल्याणकारी है.भाजपा प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि बजट संतुलित है. आदिवासी-पिछड़ाें पर खास ध्यान रखा गया है. अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष सोना खान ने कहा कि बजट में अल्पसंख्यकों का पूरा ध्यान रखा गया है. वहीं हेमलाल मुर्मू, समीर उरांव, ऊषा पांडेय समेत अन्य नेताओं ने भी बजट की सराहना की.आदर्श बजट है, ग्रामीण क्षेत्रों पर किया गया फोकस : राधाकृष्ण
सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि यह आदर्श बजट है. बजट में इस बार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आय दोगुनी करने व रोजगार का प्रावधान किया गया है. एससी-एसटी के वंचित वर्गों के विकास को भी ध्यान में रखा गया है. साथ ही इस बार के बजट में महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है. इस बजट में पिछड़े जिले व प्रखंडों के विकास पर जोर दिया गया है. रोजगार के अवसर कैसे मिले, इस पर भी जोर दिया गया है.
आधारभूत संरचना आैर पर्यटन के विकास पर बजट में बल : सुनील सिंह
भाजपा प्रदेश महामंत्री सह चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह ने कहा कि यह संतुलित बजट है, जिसमें ग्रामीण आधारभूत संरचना तथा पर्यटन क्षेत्र के विकास पर बल दिया गया है. प्रदेश महामंत्री सह मुख्यालय प्रभारी दीपक प्रकाश ने कहा कि यह सर्वस्पर्शी और समावेशी बजट है. प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जो विकास की लंबी लकीर खींची है, उसे और मजबूती प्रदान करने वाला यह बजट है. प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने कहा कि यह बजट लोक लुभावन नहीं लोक कल्याणकारी बजट है.
जनता को परेशान करने वाला बजट : राजद
राजद के प्रदेश महासचिव मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि यह जनता को परेशान करनेवाला बजट है. राज्य में पहली बार बिना विपक्ष के आम बजट पास किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. किसान, युवा, बेरोजगार एवं महिलाओं के लिए अलग से बजट में कुछ नहीं आना चिंता का विषय है.
केवल दिखावा कर रही है सरकार: सुखदेव भगत
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि सरकार केवल दिखावा कर रही है. रघुवर सरकार घोषणाओं की सरकार है. बजट का आकार बढ़ा दिया है, पर इसका क्रियान्वयन कहां से होगा इसके बारे में सरकार गंभीर नहीं दिखती है. रिसाेर्स गैप बढ़ रहा है. सरकार फोकस तो करती है, लेकिन इनका परफॉर्मेंस घटिया रह जाता है. पिछली बार कृषि में 23 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पायी है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं, पर सरकार इस दिशा में गंभीर नहीं है. अब तक के खर्च के आंकड़े पर गौर करें तो सिर्फ 50 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पायी है.
कुछ भी नया नहीं है, निराशा हाथ लगी : बादल पत्रलेख
कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख ने कहा कि बजट में कुछ नयापन नहीं है. सबका हाथ, सबका विकास जैसी बातें इस बजट में नहीं दिखती है. केवल घोषणाओं वाला बजट है. इस बजट में नये रिसोर्स कहां से आयेंगे, इसका ध्यान नहीं रखा गया है. सरकार केवल जुमलेबाजी से ही चल रही है. इस बजट से अनुबंधकर्मियों को निराशा हाथ लगी है.
निराश करने वाला
बजट : राजकुमार यादव
भाकपा माले विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि सरकार का यह बजट निराश करने वाला है. बजट में कोई नयापन नहीं है. वही पुरानी चीजें सामने आयी हैं. बेरोजगारों के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं है. लाभुकों को राशन नहीं मिल रहा है, कई लोगों को कार्ड भी नहीं मिल पाया है. किसानों को उत्पादन लागत नहीं मिल रही है. इसे कैसे राहत दिया जाये, इस बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है.
शिक्षा पर दिया गया ध्यान : डॉ नीरा यादव
शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा कि बजट में शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है़ शिक्षा को आगे बढ़ाने काम हो रहा है़ हर क्षेत्र में सरकार ने पैसे दिये है़ं महिलाओं के छात्रावास, बच्चों के लिए पार्क, लाइब्रेरी में पैसे का प्रावधान है़ महिला सशक्तीकरण पर भी सरकार ने जोर दिया है. शिक्षा की आधारभूत संरचना को मजबूत करने की कोशिश की गयी है़
युवा विरोधी है बजट: डॉ इरफान अंसारी
कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से युवा विरोधी है. जनता को गुमराह करने वाला बजट है. उर्दू शिक्षकों को वेतन नहीं मिला. इसके लिए सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं किया है. केवल सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में बजट का प्रावधान किया गया है, ताकि सरकार का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हो सके.
एक्सपर्ट कमेंट
विकास दर बढ़ानेवाला है बजट
इस बजट से स्पष्ट हुआ है कि कर वसूली बेहतर हुई है, इसमें वास्तविकता है व खर्च बढ़ाया गया है
प्रो हरीश्वर दयाल
झारखंड सरकार का यह बजट काफी अच्छा है. पिछले कुछ सालों से विकास दर में वृद्धि हुई है. यह बजट इस विकास दर को और बढ़ाने का काम करेगा. बजट में वास्तविकता है. खर्च बढ़ाया गया है. कर्ज में वृद्धि नहीं हुई है. एसआरबीएम के प्रावधानों के तहत इसे तैयार किया गया है. इससे राजस्व सरप्लस होगा. बजटीय घाटा 2.43 प्रतिशत आंका गया है, जो 3.5 प्रतिशत हो सकता था. यह अच्छी बात है.
इस बजट से स्पष्ट हुआ है कि कर वसूली बेहतर हुई है. इस मामले में केंद्र से भी अच्छा रिस्पांस मिला. 19 हजार 500 करोड़ कुल कर की प्राप्ति हुई है. पिछले वर्ष की तुलना में एक हजार करोड़ अधिक है. वहीं पांच हजार करोड़ शेयर (केंद्र) का बढ़ा है. रेवेन्यू बढ़ा है.
राजस्व घाटा नियंत्रण में है. कुल मिला कर कहा जाये कि यह बजट स्थायित्व देनेवाला है. इस बजट को जनभागीदारी की बदौलत तैयार किया गया है. इसलिए यह लोगों की आकांक्षाअों के अनुरूप बना है. बजट में पांच विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आमदनी को दुगुनी करना, युवाअों के लिए स्वरोजगार व रोजगार उपलब्ध कराना, एसटी/एससी/वंचित लोगों का विकास तथा पिछड़े क्षेत्रों का विकास करना शामिल है.
बजट में इसका समावेश होने से क्षेत्रीय असंतुलन दूर होगा. सरकार ने इस बजट में स्कीम पर ज्यादा ध्यान दिया है. किसी भी राज्य में विकास का सीधा असर स्कीम पर पड़ता है.
इसलिए झारखंड में स्कीम पर काफी खर्च किये गये हैं. कुल बजट में 46,500 करोड़ रुपये स्कीम पर व 33,700 करोड़ स्थापना पर खर्च किये जाने का प्रावधान है. सभी क्षेत्रों के विकास के लिए आवंटन व योजनाओं का प्रावधान किया गया है. रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट को जोड़ा गया है, जबकि स्कूली व उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए भी अलग-अलग योजनाएं बनायी गयी हैं. कृषि क्षेत्र व सिंचाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. इस बजट में जेंडर, एग्रीकल्चर, एसटी/एससी व वंचित लोगों के लिए भी विशेष प्रावधान रखा गया है.
ग्रामीण विकास की राशि में 13 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. वहीं कृषि में आठ प्रतिशत, जेंडर में 6.6 प्रतिशत, एसटी/एससी के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कुल बजट का 52 प्रतिशत खर्च रखा गया है. इससे स्पष्ट है कि एसटी/एससी का उत्तरोत्तर विकास होगा. वंचित क्षेत्र से गरीबी दूर होगी. सकल घरेलू उत्पाद में स्थायित्व होगा. बजट में सूखा क्षेत्र के विकास के लिए भी अलग से प्रावधान रखा गया है. उत्तम कृषि व उत्तम खेती पर ध्यान दिया गया है. कोल्ड चेन, लघु व कुटीर उद्योग, एसएचजी व रोजगार को बढ़ावा दिया गया है.
( लेखक अर्थशास्त्री हैं)
बजट में किस जिले को क्या
गोड्डा में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी
साहेबगंज में कृषि महाविद्यालय स्थापित होगा
देवघर, रांची व सिमडेगा में फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए नयी परियोजनाएं शुरू होंगी
रांची में एक लाख लीटर तथा देवघर, पलामू, साहेबगंज, गिरिडीह व जमशेदपुर में 50 हजार लीटर क्षमता के डेयरी प्लांट का निर्माण
दुमका में रेशम प्रसंस्करण इकाई की स्थापना होगी
रांची, देवघर, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर व रजरप्पा में हस्तशिल्प इंपोरियम खुलेंगे
रांची और खरसावां में सिल्क पार्क की स्थापना होगी
कौलेश्वरी, इटखोरी और रजरप्पा को बृहत धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा
जमशेदपुर महिला कॉलेज विश्वविद्यालय के रूप में उत्क्रमित होगा
धनबाद, देवघर, जमशेदपुर व रांची में इंटर स्टेट बस टर्मिनल तथा ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण होगा
धनबाद, बोकारो, रामगढ़, जमशेदपुर, देवघर तथा दुमका में सीसीटीवी प्रणाली लागू होगी
धनबाद, जमशेदपुर, चाईबासा, दुमका व देवघर में प्रेस भवन बनेगा
खूंटी व रामगढ़ में नवोदय विद्यालय
पलामू में केंद्रीय विद्यालय

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