सुपौल कोसी क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता मिन्नत रहमानी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि कोसी क्षेत्र के लोगों के साथ हमेशा बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन उनका कोई ठोस परिणाम धरातल पर नहीं दिखाई देता. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार जानबूझ कर कोसी पीड़ितों की अनदेखी कर रही है. सदर प्रखंड में कोसी तटबंध के दोनों ओर बसे विस्थापित परिवारों से मुलाक़ात के बाद रहमानी ने कहा कि कोसी बेसिन विकास परियोजना बिहार के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना थी, जिसका उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण, कृषि विकास, रोजगार सृजन और आर्थिक सशक्तिकरण था. प्रारंभ में इसकी लागत 1854 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 1965 करोड़ हो चुकी है, जिसमें से अधिकांश राशि खर्च भी हो चुकी है. इसके बावजूद न तो किसानों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं और न ही बाढ़ पीड़ितों के आर्थिक हालात में कोई सुधार आया है. उन्होंने यह भी कहा कि पटना हाई कोर्ट ने कोसी विकास प्राधिकरण के गठन का निर्देश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसे लागू करने की दिशा में कोई गंभीर पहल नहीं की. आज भी कोसी तटबंध के अंदर रहने वाले किसानों को फसल मुआवज़ा समय पर नहीं मिलता और उन्हें रोज़गार के सीमित साधनों में गुज़ारा करना पड़ रहा है. मिन्नत रहमानी ने यह भी दावा किया कि यदि महागठबंधन की सरकार बनी, तो सबसे पहले कोसी क्षेत्र के समुचित और स्थायी विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.
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