सुपौल. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के बाल हृदय योजना के अंतर्गत सुपौल जिले के हृदय रोग से ग्रसित चार बच्चों को बेहतर उपचार के लिए बाहर भेजा गया. गुरुवार को जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा इन बच्चों को उनके अभिभावकों के साथ एंबुलेंस के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना के लिए रवाना किया गया, जहां से उन्हें फ्लाइट के जरिए अहमदाबाद भेजा जाएगा. उपचार के लिए जिन बच्चों को चयनित किया गया है, उनमें मरौना प्रखंड की अनिशा कुमारी (उम्र 5 वर्ष) एवं रणवीर कुमार (उम्र 19 माह), राघोपुर प्रखंड के कार्तिक कुमार (उम्र 13 माह) तथा सदर प्रखंड के मनखुश कुमार (उम्र 21 माह) शामिल हैं. इन सभी बच्चों का इलाज सत्या साईं हार्ट हॉस्पिटल अहमदाबाद में किया जाएगा, जहां उनकी सफल ओपन हार्ट सर्जरी प्रस्तावित है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने दी शुभकामनाएं बच्चों को रवाना करते समय जिला स्वास्थ्य समिति एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना की ओर से भी बच्चों और उनके परिजनों को शुभकामनाएं दी गईं. बताया गया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इन बच्चों का इलाज पूर्णतः निःशुल्क किया जाएगा. इसमें जांच, सर्जरी, दवाइयां, यात्रा एवं आवास से संबंधित सभी खर्च सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बड़ी राहत मिली है. परिजनों में खुशी और उम्मीद अपने बच्चों को बेहतर इलाज के लिए भेजे जाने पर परिजनों के चेहरों पर उम्मीद और संतोष साफ झलक रहा था. उन्होंने सरकार और स्वास्थ्य विभाग के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इस योजना के कारण उनके बच्चों को नया जीवन मिलने की संभावना बनी है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की बाल हृदय योजना जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है. समय पर पहचान और उच्चस्तरीय इलाज की सुविधा से अब कई बच्चों की जान बचाई जा रही है. जिला स्वास्थ्य समिति, सुपौल की इस पहल को स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे जिले के गंभीर रूप से बीमार बच्चों को बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने का अवसर मिल रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

