लापरवाही. विषाक्त मिठाई खाने से दो दर्जन लोग बीमार
शादी में बची मिठाई खाने से लगभग दो दर्जन बच्चे व अन्य लोग उल्टी-दस्त का शिकार होकर गंभीर स्थिति में पहुंच गये. लोगों की नाजुक स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निर्मली में भरती कराया.
निर्मली/मरौना : शादी में बची बासी मिठाई को खाना व अपने बच्चों को खिलाना उस वक्त कुछ परिवारों को महंगा पड़ गया, जब मिठाई खाते ही लगभग दो दर्जन बच्चे व अन्य लोग उल्टी-दस्त का शिकार होकर गंभीर स्थिति में पहुंच गये. मामला मरौना थाना क्षेत्र के सरोजा बेला पंचायत स्थित वार्ड नंबर 07 का है.
जहां बुधवार की संध्या शादी में बचा हुआ रसगुल्ला खाते ही मो सहुला (04), असरा खातून (6), सबीजन (8), नजुला खातून (03), सकीला खातून (50), शबनम खातून (30), सरिया खातून (08), औजा खातून (06), अनिसा खातून (02), पुनिया खातून (70), मो. अदम (03), रेहाना खातून (2), रूबी खातून (13), सलीया खातून (11), रतीला खातून (20), रजिया खातून (02), जमीरा खातून (28), रहेना खातून (02), मजीद खातून (08) व रूपीया खातून (04) की स्थिति बिगड़ने लगी और अफरा-तफरी का माहौल मच गया. लोगों की नाजुक स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों के सहयोग से सभी बीमार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निर्मली लाया गया.
जहां चिकित्सकों द्वारा काफी देर तक मशक्कत के बाद मरीजों की हालत में सुधार हुआ. मामले को लेकर पीड़ित बच्ची रहेजा खातून की मां जगीरा खातून ने बताया कि छोरही टोला निवासी गोपाली सिंह के यहां विगत 11 मई को शादी थी. जहां जुमिया खातून व सकीला खातून मजदूरी का काम करती है. इन्हीं दोनों ने वहां से शादी में बचा हुआ रसगुल्ला लाया था. जिसे खाते ही सभी के पेट में तेज दर्द प्रारंभ हो गया और लगातार उल्टी व दस्त होने लगा. पीड़ित के परिजनों ने अस्पताल में सभी दवा उपलब्ध नहीं होने को लेकर नाराजगी प्रकट की. वहीं घटना को लेकर पूछने पर कार्यरत चिकित्सक डॉ शैलेंद्र कुमार ने बताया कि विषाक्त रसगुल्ला खाने के कारण सभी की तबीयत खराब हुई है. डॉ कुमार ने बताया कि सभी मरीज खतरे से बाहर हैं.
मांगों के समर्थन में चार घंटे तक एनएच जाम