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16 की जगह मात्र आठ कर्मी

अनदेखी. अग्निशमन विभाग को देखनेवाला कोई नहीं अग्निशमन विभाग को सरकार द्वारा जिले भर में करीब एक दर्जन दमकल वाहन उपलब्ध कराया गया है. सुविधा की कमी और कर्मियों का अभाव विभाग की प्रमुख समस्या बनी हुई है. सुपौल : फागून माह में से ही जहां तेज हवा के झौंकों के कारण अगलगी की घटनाओं […]

अनदेखी. अग्निशमन विभाग को देखनेवाला कोई नहीं

अग्निशमन विभाग को सरकार द्वारा जिले भर में करीब एक दर्जन दमकल वाहन उपलब्ध कराया गया है. सुविधा की कमी और कर्मियों का अभाव विभाग की प्रमुख समस्या बनी हुई है.
सुपौल : फागून माह में से ही जहां तेज हवा के झौंकों के कारण अगलगी की घटनाओं में वृद्धि होने की संभावना रहती है. वहीं दूसरी ओर आग पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा जिले में स्थापित अग्निशमन विभाग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. हालांकि विभाग को सरकार द्वारा जिले भर में करीब एक दर्जन दमकल वाहन उपलब्ध कराया गया है. लेकिन समुचित सुविधा की कमी और कर्मियों का अभाव विभाग की प्रमुख समस्या बनी हुई है. यह दीगर बात है
कि इन सबके बावजूद जिले में मौजूद अग्निशमन कर्मी अपने दायित्वों के निर्वहन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. लेकिन संसाधन की कमी के कारण घटना स्थल पर विलंब से पहुंचने की वजह से आग पर काबू पाने में इनकी कोई भूमिका नहीं रहती. स्थिति यह है कि यदि इनके भरोसे छोड़ दिया जाय तो पूरा गांव जलने के बाद ही दमकल वाहन घटना स्थल तक पहुंचने में कामयाब होगा. पछिया हवा ने अपना रंग अभी से ही दिखाना आरंभ कर दिया है.
वासियों को भुगतना पड़ सकता है.
जिले स्थित स्टेडियम में चल रहा अग्निशमन कार्यालय : जानकारी अनुसार जिले में अग्नि शमन विभाग की स्थापना 23 जुलाई 2007 को की गयी थी. जो कुछ दिन डिग्री कॉलेज परिसर में स्थापित था. उसके बाद कार्यालय को स्टेडियम में स्थापित किया गया. लेकिन दुर्भाग्य है कि स्थापना के 10 साल होने को है फिर भी विभाग को अपना भवन व कार्यालय उपलब्ध नहीं हो पाया है. जबकि विभागीय अधिकारी ने बताया कि जमीन उपलब्ध कराने को लेकर कई बार जिलाधिकारी को लिखित आवेदन दिया गया है. लेकिन अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. जिसके कारण विभाग के कर्मी स्टेडियम भवन में डेरा डाले हुए हैं. एक कमरे में विभागीय कार्यालय का संचालन किया जाता है. जबकि दूसरा कमरा कर्मियों का आवास बना हुआ है. सुविधा के अभाव में दमकल की गाड़ियां खुले आकाश के नीचे स्टेडियम के मैदान में रहती है. कर्मियों ने बताया कि पानी की सुविधा स्टेडियम में नहीं रहने के कारण जरूरत पड़ने पर दमकल की गाड़ियों को पीएचईडी कार्यालय परिसर जाना पड़ता है. इस बीच बाजार क्षेत्र रहने की वजह से जाम की समस्या भी उत्पन्न होती है. जाम की समस्या उत्पन्न होने के बाद जाम से निकलने के लिये घंटों इंतजार करना पड़ता है. तब तक अगलगी क्षेत्र में आग पूरी तरह से पांव पसार चुके रहते हैं. इतना ही नहीं स्टेडियम स्थित मात्र एक चापाकल रहने के कारण यहां के कर्मियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. मालूम हो कि स्टेडियम स्थित भू-दान, परिवहन, उत्पाद, खेल कार्यालय सहित सैफ जवान, बीएमपी के जवान रहते हैं. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा यहां मात्र एक चापाकल दिया गया है.
कहते हैं अधिकारी
प्रधान अग्निक पदाधिकारी संतोष कुमार सिन्हा ने बताया कि अपेक्षित सुविधाओं के अभाव के बावजूद वे पीड़ितों की सेवा के लिए सदैव तत्पर हैं. बताया कि अगलगी की घटना होने पर इसकी सूचना जिला स्थित विभाग के मोबाइल नंबर 7485805850, 7485805851 पर दी जा सकती है. वहीं टोल फ्री नंबर 101 के अलावा संबंधित थाना के दूरभाष पर भी सूचित किया जा सकता है.
कई पद हैं खाली
मालूम हो कि अग्निशमन कार्यालय में सभी पदों के लिए कुल 16 पद स्वीकृत हैं. जिसमें फायर स्टेशन ऑफिसर व सहायक स्टेशन ऑफिसर का एक-एक, प्रधान अग्निक का तीन, चालक का तीन एवं फायर मेन का आठ पद शामिल हैं. स्वीकृत पदों के एवज में विभाग द्वारा यहां महज आठ कर्मी को प्रतिनियुक्त किया गया है. जबकि दो गृह रक्षकों से सहायता ली जा रही है. फायर स्टेशन मास्टर व सहायक स्टेशन मास्टर का पद रिक्त है. जबकि चालक का तीनों पद खाली है. वहीं फायर मेन के दो पद खाली पड़ा है. प्रधान अग्निक के एक पद खाली पड़े हैं. कर्मी द्वारा बताया गया कि चालक नहीं रहने की स्थिति में गृह रक्षक के दो कर्मियों से चालक का कार्य लिया जा रहा है. यहां आग पर काबू पाने हेतु दो बड़ा दमकल व एक छोटा दमकल उपलब्ध कराये गये हैं.

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