सुपौल : पूर्व मध्य रेलवे स्थित समस्तीपुर मंडल के सहरसा – फारबिसगंज रेलखंड के अमान परिवर्तन को लेकर सांसद रंजीत रंजन ने लोकसभा सत्र के दौरान संसद में आवाज उठायी. श्रीमती रंजन ने क्षेत्र वासियों को रेल सुविधा उपलब्ध हो, साथ ही सरकारी खजाने में आमदनी बढ़े,
इसे लेकर सदन को बताया कि वर्ष 1996 में उक्त रेलखंड का अमान परिवर्तन किये जाने के लिए चिह्नित किया गया था. तत्कालीन रेल मंत्री ने शिलान्यास भी किया. तकरीबन दो दशक हो रहा है. बावजूद इसके उक्त रेलखंड के अमान परिवर्तन की दिशा में पूर्ण रूप से मिट्टी करण का भी कार्य नहीं कराया जा सका है. यह कोसी इलाके की आबादी का एक मात्र रेलखंड है. जो नेपाल सहित इलाके के लोगों के लिए आवाजाही का एक मात्र साधन है.
बीते वर्ष उक्त रेलखंड पर फारबिसगंज से राघोपुर के बीच मेगा ब्लॉक लिया गया. पर काफी समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्य नहीं कराया गया है. इस कारण आम जनता की समस्या के साथ-साथ रेलवे को भी राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है. रेलखंड पर मेगा ब्लॉक का दायरा बढ़ा श्रीमती रंजन ने बताया कि एक दिसंबर को सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड के राघोपुर से सरायगढ़ तक का मेगा ब्लॉक लिया गया है. साथ ही सरायगढ़ से निर्मली के बीच कोसी महासेतु बन कर तैयार है.
इस कारण फारबिसगंज से राघोपुर व राघोपुर से सरायगढ़ तक के मेगा ब्लॉक का कार्य जनहित व रेलवे के हित में अतिशीघ्र कराना आवश्यक है. उन्होंने सदन के माध्यम से रेल मंत्री से मांग की कि उक्त रेलखंड के अमान परिवर्तन का कार्य अविलंब करावें. साथ ही सरायगढ़ व निर्मली के बीच रेल सेवा का परिचालन अतिशीघ्र कराया जाये.
उन्होंने यह भी बताया कि उक्त रेलखंड पर रेल सेवा परिचालित हो जाने से कोसी व दरभंगा प्रमंडल जहां एक दूसरे से जुड़ जायेंगे, वहीं इस इलाके के लोगों का भी सीधा संपर्क राजधानी दिल्ली से हो जायेगा.