सीवान : जदयू के पूर्व विधायक दामोदर सिंह के भाई भरत सिंह की हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपित जितेंद्र स्वामी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. सोमवार को द्वितीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार दूबे ने यह फैसला सुनाया. सोलह वर्ष बाद कोर्ट का यह फैसला आया है. विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के दिन ही भरत सिंह का अपहरण कर बदमाशों ने हत्या कर शव को गन्ने के खेत में छिपा दिया था.
कोर्ट में जुटी थी समर्थकों की भीड़
कोर्ट का फैसला आने की पूर्व के तय तिथि के तहत दोनों पक्षों के लोगों की न्यायालय के बाहर उपस्थिति से गहमागहमी का माहौल रहा. घंटों पहले से दोनों पक्षों के लोग न्यायालय का फैसला आने का इंतजार कर रहे थे. इसको लेकर न्यायालय परिसर में कड़ी सुरक्षा रही. मंडल कारागार से विशेष सुरक्षा के बीच हत्यारोपित जितेंद्र स्वामी को न्यायालय में लाया गया. पिछले 11 अगस्त को इस मामले में भाजपा के निलंबित नेता जितेंद्र स्वामी को कोर्ट ने दोषी करार दिया था. अब सजा सुनाये जाने की बारी थी.
दोपहर में कोर्ट ने सुनाया फैसला
गहमागहमी के बीच दोपहर बाद 3.45 मिनट पर कोर्ट ने जब फैसला सुनाया, तो कुछ क्षण के लिए सन्नाटा छा गया. द्वितीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार दूबे ने घटना के एकमात्र दोषी जितेंद्र स्वामी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 40 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. इस मामले में फास्ट ट्रैक एक रामदरश के कोर्ट ने चार वर्ष पूर्व घटना में साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपितों को बरी कर दिया था. वहीं, पटना हाइकोर्ट ने फैसले की समीक्षा करते हुए एक बार फिर निचली अदालत से पुन: विचार करते हुए दो माह के अंदर फैसला सुनाने का निर्देश दिया था.