सीवान : 11 अगस्त को जेल में हुई छापेमारी में बरामद स्मार्ट फोन एफआइआर में बदलकर टूटा मोबाइल फोन हो गया है. महंगे ब्रांडेड स्मार्ट फोन को टूटा फोन बनाने के पीछे कहीं न कहीं जेल के कर्मियों का हाथ है. जेल अधीक्षक राकेश कुमार भी इस मामले में अनजान बनते हुए जेलर से पूछने की बात कर रहे हैं. सबसे खास बात मुफस्सिल थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए जेल से जो पत्र भेजा गया है. उस पत्र को जेल अधीक्षक ने ही भेजा है. एफआईआर के लिए भेजे गये पत्र के साथ छापेमारी में बरामद सामानों की एक जब्ती सूची भी है. इसे प्रभारी उपाधीक्षक मो जुबेर खां ने बनाया है, जो फिलहाल लंबी छुट्टी पर हैं.
इस जब्ती सूची में स्मार्ट फोन नहीं है. उसकी जगह पर टूटाका मोबाइल फोन है. मालूम हो कि बीते दिनों गृह विभाग के आदेश पर पूरे बिहार के सभी जिलों के जेलों में एक साथ छापेमारी हुई थी. इसी क्रम में सीवान जेल में भी जिलाधिकारी रंजीता तथा पुलिस अधीक्षक नवीनचंद्र झा के नेतृत्व में छापेमारी हुई थी. छापेमारी के बाद एसपी नवीन चंद्र झा ने जेल गेट पर पत्रकारों से बताया था कि छापेमारी में एक स्मार्ट फोन, दो सिम कार्ड, एक मोबाइल चार्जर, तीन घड़ी, चार कैंची, चार चाकू, पांच नेल कटर, 16 रेजर, आठ ब्लैड, एक चिलम तथा पांच सौ ग्राम तंबाकू बरामद होने की सूचना दी. उन्होंने बताया था कि छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में बर्तन,
चूल्हा तथा वार्ड में खाना बनाने के सामान मिले हैं. एसपी के अनुसार बरामद किये सामानों में स्मार्ट फोन के अलावे खाना बनाने के वर्तन तथा चूल्हा आदि जब्ती सामान की सूची में नहीं है. इस संबंध में पूछे जाने पर एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि हमने सामान बरामद कर जेलर को दे दिया. स्मार्ट फोन कहां गया . इसकी जानकारी जेल अधीक्षक ही देंगे. इधर जेल अधीक्षक ने कहा कि जेलर के आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है .